एम्स की चिंता.. आने वाले मरीजों को देना पड़ रहा ज्यादा किराया

रायपुर। दूसरे प्रदेशों अथवा जिलों से इलाज के लिए एम्स आने वाले मरीज और उनके परिजनों द्वारा टैक्सी-आटो को दिए जाने वाले ज्यादा किराए पर एम्स प्रबंधन ने चिंता जाहिर की है। नगर-निगम आयुक्त को भेजे गए पत्र में पिछले तीन साल से बंद सिटी बस सेवा को मरीजों की सुविधा के लिए पुन: प्रारंभ करने की मांग की गई है।
प्रदेश के दूरवर्ती जिलों के साथ दूसरे राज्य से भी मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए एम्स आते हैं। अपने शहरों या राज्यों से वे रेलवे स्टेशन अथवा अंतरराज्यीय बसस्टैंड तक पहुंच जाते हैं, मगर वहां से अस्पताल आने के लिए आटो अथवा टैक्सी का उन्हें जो किराया देना पड़ता है, बस अथवा ट्रेन के किराए से महंगा पड़ता है। एम्स में प्रतिदिन मरीज और उनके परिजनों के रूप में हजारों लोग पहुंचते हैं। संपन्न वर्ग तो इस खर्च को वहन कर लेता है, मगर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए खर्च वहन करना मुश्किल होता है। पहले रेलवे स्टेशन से कुम्हारी के बीच सिटी बस का संचालन किया जाता था, जो पिछले तीन साल से बंद है, जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों का मर्ज पकड़ने वाले एम्स के डाक्टर और प्रबंधन ने उनके द्वारा मजबूरी में दिए जाने वाले अधिक किराए का दर्द समझते हुए पिछले दिनों नगर-निगम आयुक्त को पत्र लिखकर इस पर चिंता जाहिर की है। साथ ही अनुरोध किया है कि रेलवे स्टेशन के साथ भाठागांव स्थित अंतरराज्यीय बस स्टैंड से भी एम्स की ओर सिटी बस सेवा का संचालन किया जाए। छह सिटी बस की योजना : सिटी बस सेवा का संचालन कर रहे मनीष जैन ने बताया कि रेलवे स्टेशन से कुम्हारी तक 6 सिटी बस संचालित करने की योजना है। इसके लिए परमिट की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि भाठागांव बस टर्मिनल से इस रूट में सिटी बस संचालन की कोई योजना अभी नहीं है।
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