Worship and All : 'अपने रिश्ते' ग्रुप ने कराया भगवान शिव जी रुद्राभिषेक, 51 जोड़ों ने की पूजा-अर्चना

रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur)के समता कॉलोनी (Samta Colony )में भक्ति की गंगा बही है। सावन माह को शिवजी (Lord Shiva)का महीना माना जाता है। इस दौरान पार्थिव लिंग बनाकर शिव पूजन करने का विशेष पुण्य मिलता है। शिव पुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा(Parthiv Shivling worship) का महत्व बताया गया है। कलयुग में कूष्मांड ऋषि के पुत्र मंडप ने पार्थिव पूजन प्रारम्भ किया था।
पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य की होती है प्राप्ति
शिव महापुराण के अनुसार, पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। ऐसा माना जाता है कि, पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। शिवजी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला। यह सभी जानते हैं कि, शिव कल्याणकारी हैं। जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है। शिवपुराण में लिखा है कि, पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। वहीं विप्र भवन समता कॉलोनी में अपने रिश्ते ग्रुप ने पुरुषोत्तम माह में भगवान आशुतोष शिव जी का रुद्राभिषेक किया । धर्म के इस महान यज्ञ में 51 जोड़े बैठे थे और एकल रूप से लगभग 100 लोगों ने सामूहिक रूप से पार्थिव शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया।
ये लोग थे शमिल
इस कार्यक्रम आचार्य वेदप्रकाश जी, महंत लक्ष्मीनारायण मंदिर, प्रमोद दुबे सभापति नगर निगम और विनय तिवारी अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज केंद्रीय समिति और कार्यक्रम के संयोजक सुबोध शर्मा, राजेश शर्मा, (बंटी)शशि कांत शर्मा मधु शर्मा सुनीता शर्मा, आशीष शर्मा शमिल थे। अपने रिश्ते परिवार के इस सामूहिक रुद्राभिषेक कार्यक्रम में विप्र दंपती ने जोड़े में बैठकर अश्वनी शर्मा सुनीता शर्मा, शुभांगी उज्ज्वल, राजेश निशा, अमन आकृति, बबिता दुबे, नमिता, ऋषभ, सुमन पांडेय, बीना मिश्रा, सुमन मिश्रा, उमेश मिश्रा उमेश तिवारी,विप्लव शर्मा कैलास तिवारी देवेश शर्म पत्रपाठी सभी ने भक्ति भाव से पूजन संपन्न किया ।
51 जोडे ने की पुजा -अर्चना
सनातन धर्म के प्रति निष्ठापूर्वक विश्व कुटुंब की भावना से राज्य की खुशियाली की कामना से यह आयोजन संपन्न किया गया । पार्थिव शिवलिग में अलग से 51 जोड़े बैठकर पृथक - पृथक रूप से सामूहिक पूजन किए । भगवान परशुराम जी की पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ इस रुद्राभिषेक में लगभग 200 भक्तजन शामिल हुए ।
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