पटरियों के किनारे रहने वाले करीब 4 लाख लोगों पर बेघर होने का खतरा, रेलवे ने चिपकाया नोटिस

दिल्ली में 3 से 4 लाख लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर लगभग 48 हजार झूग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया है। जिसके बाद वहां रहने वाले लोगों ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। कई लोगों ने इस फैसले पर कहा कि हम लोग कहा जांएगे वहीं कई लोगों ने कहा कि चाहे जो हो हम यहां से नहीं जाएंगे। वहीं इस फैसले के आने बाद अब रेलवे ने दिल्ली रेलवे पटरियों के बीच बसे झूग्गी-झोपड़ियों पर नोटिस चिपका दिया है।
यह नोटिस 14 सितंबर तक झुग्गियों को खाली करने के लिए चिपकाया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि वहां पर रह रहे लोगों को आखिरी अल्टीमेटम दे दिया गया है। बता दें कि हाल ही में अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास बनी झुग्गियां हटाई जाएं। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर स्टे नहीं देगी। रेलवे ने ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट के दिये आदेश के बाद लगाया है।
आप विधायक ने फाड़ा रेलवे का नोटिस
पटरी किनारे बसे झुग्गियों पर चिपकाए गए रेलवे के नोटिस को आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने फाड़ दिया। वहीं राघव चड्ढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि दिल्ली सरकार के रह्रते हुये कोई भी झूग्गी-झोपड़ियों नहीं हटा सकता। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इन झग्गियों में रहने वाले लोगों के बारे सोचती है।
दिल्ली सरकार ने इन लोगों को अपना परिवार माना है। वहीं हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन झुग्गियों में रहने वाले परिवारों के बड़े बेटे है। केजरीवाल के होते हुये उनकों कोई छू भी नहीं सकता। उन्होने इस नोटिस के सहारे केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी जमकर हमला किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन पहुचे सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी झुग्गियों को हटाने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने के लिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने उच्चतम न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है। शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था।
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