Delhi News: ट्रैफिक पुलिस बनकर लुटे थे 50 लाख रुपये, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को दबोचा

Delhi Crime News: दिल्ली क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल ट्रैफिक पुलिस बनकर राजधानी में 50 लाख की लूट को अंजाम देने वाले दो बदमाशों को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया है। आरोपियों की पहचान राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले महेंद्र (21) और उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रहने वाले संदीप उर्फ चेतन (34) के रूप में हुई। मीडिया को इसकी जानकारी दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने दी है। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल, ट्रैफिक पुलिस का यूनिफॉर्म, हेलमेट, दिल्ली पुलिस का लोगो लगा हुआ फेस मास्क एक टॉय वायरलेस सेट, मोबाइल और सिम कार्ड भी बरामद किया गया है।
स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव का बयान
स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव ने मीडिया को बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि 12 अक्टूबर को शाम करीब 5 बजे पान मसाला कंपनी के एक कर्मचारी मोती नगर के शिवाजी मार्ग पर कार्यालय लौट रहा था। तभी आउटर रिंग रोड पर सलीमगढ़ फ्लाईओवर के पास वायरलेस सेट ले जा रहे दो बाइक सवार व्यक्तियों खुद को ट्रैफिक पुलिस बताते हुए कर्मचारी को रोक लिया। उन्होंने कर्मचारी के कार की जांच की और डिग्गी खुलवा कर रुपयों से भरा बैग लूटकर फरार हो गए थे। अधिकारी ने कहा बैग में 50 लाख रुपये थे, कर्मचारी चांदनी चौक के कुचा घासी राम से कैश कलेक्शन करके मोती नगर कार्यालय जा रहा था।
मामला सामने आते ही मचा हडकंप
मामला सामने आने के बाद आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 382 और 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई थी। अपराध को गंभीरता से भांपते हुए, क्राइम ब्रांच की टीम को मामले को सुलझाने और हेलमेट पहनकर अपना चेहरा ढकने वाले लुटेरों को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था। डीसीपी अमित गोयल की देख रेख में एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर अरुण सिंधु, सब इंस्पेक्टर विक्रांत, एएसआई मनोज, शशिकांत, चंद्र प्रकाश, सुनील, हेड कांस्टेबल गौरव समेत अन्य लोगों की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और लोकल इंटेलिजेंस की मदद से इन दो बदमाशों को दबोचने में कामयाबी हो गई।
कई जगहों पर की गई छापेमारी
स्पेशल सीपी ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली, यूपी और राजस्थान में छापेमारी की गई और आरोपियों के ठिकानों का पता लगाया गया। उसके बाद पहले राजस्थान के अलवर से महेंद्र को पकड़ा गया। उसकी निशानदेही पर ग्रेटर नोएडा से संदीप को भी पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान महेंद्र ने खुलासा किया कि उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले संदीप, सागर और हरेंद्र आपस में दोस्त थे। कुछ दिन पहले संदीप ने उससे अपराध करने के लिए पांच सिम कार्ड उपलब्ध कराने को कहा।
3 अक्टूबर को महेंद्र पांच सिम कार्ड लेकर नोएडा आया और लूट करने के लिए अपने साथियों हरेंद्र, सागर, रितिक और संदीप को दे दिया। पता चला कि वारदात को अंजाम देने में संदीप, सागर, हरेंद्र का मुख्य रोल है, क्योंकि यह तीनों ही आपस में फ्रेंड है। मामले में अभी हरेंद्र फरार है, जो गवर्नमेंट कोएड स्कूल सब्जी मंडी में टीचर है। पुलिस उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है।
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