7-7 हजार जुर्माना देकर रिहा हुए 60 मलेशियाई नागरिक, आरोपियों की ओर से सजा कम करने की थी मांग

दिल्ली के एक कोर्ट ने 60 मलेशियाई नागरिकों को 7-7 हजार रुपये जुर्माना भरने के बाद रिहा कर दिया।इन विदेशी नागरिकों को कोर्ट ने कुछ दिनों पहले से जमानत दी गई थी। इनके ऊपर आरोप थे कि कोरोना महामारी के दौरान निजामुद्दी मरकज में आयोजित तब्लीगी जमात में शामिल होने, वीजा नियमों और सरकारी आदेश के उल्लंघन किया था।
साकेत जिला अदालत के महानगर दंडाधिकारी सिद्धार्थ मलिक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिये याचिका पर सुनवाई की और आरोपियों के अपराध स्वीकार किए जाने के बाद विदेशियों को कम सजा देते हुए उन्हें प्ली बार्गेनिंग के अंतर्गत मुक्त कर दिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील एस हरि ने जिरह की। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किलों की याचिकाओं पर शिकायतकर्ता लाजपत नगर के उप संभागीय मेजिस्ट्रेट, लाजपत नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन के निरीक्षक को कोई आपत्ति नहीं है। इस तथ्य पर गौर करते हुए अदालत ने इन आरोपी विदेशी नागरिकों को मुक्त कर दिया।
इन आरोपियों ने अपराध स्वीकार करके अदालत से सजा कम करने का अनुरोध किया था। इसके तहत अधिकतम सात साल तक सजा वाले मामलों में ही प्ली बार्गेनिंग की अनुमति दी जाती है। बशर्ते अपराध के कारण पीड़ित की सामाजिक-आर्थिक स्थिति प्रभावित नहीं होती और अपराध महिला अथवा 14 साल से कम उम्र के बच्चे के प्रति न किया गया हो।
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