ई-रिक्शा का लाइसेंस देने के लिए मांगे 70 हजार रुपये, ऐसे रंगे हाथों पकड़े गए परिवहन विभाग के दो अधिकारी

Delhi Corruption राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है। ऐसा ही एक केस फिर से वजीरपुर के दिल्ली परिवहन प्राधिकरण (Delhi Transport Authority) के कार्यालय से सामने आया है। जिसमें एक व्यक्ति से ई-रिक्शा का लाइसेंस (E-Rickshaw License) देने के लिए परिवहन विभाग के दो अधिकारियों ने 70 हजार रुपये (70 Thousand Rupees Demanded) की मांग की।
जिसके बाद दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti Corruption Branch) ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार (Two Officers Arrested) किया है। इनकी पहचान डेटा एंट्री अधिकारी संदीप और नरेश (Data Entry Officer Sandeep And Naresh) के तौर पर हुई है। गिरफ्तार किए गए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और इनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। इस बारे में अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक वजीरपुर में दिल्ली परिवहन प्राधिकरण के कार्यालय में डेटा एंट्री अधिकारी संदीप कल्याण और नरेश कुमार नामक एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह मामला बुधवार को उस समय सामने आया जब आजादपुर इलाके में रहने वाले सन्नी ने एसीबी से शिकायत की।
वजीरपुर में दिल्ली परिवहन प्राधिकरण के अधिकारियों ने ई-रिक्शा के लिए व्यापार अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) जारी करने के लिए कथित रूप से 70 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की है। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसीबी की टीम की ओर से एक जाल बिछाया गया और संदीप कल्याण तथा नरेश कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
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