Delhi Riots: हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या का आरोपी गिरफ्तार, दो साल से था फरार, ऐसे चढ़ा दिल्ली पुलिस के हत्थे

Delhi Riots: हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या का आरोपी गिरफ्तार, दो साल से था फरार, ऐसे चढ़ा दिल्ली पुलिस के हत्थे
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दिल्ली दंगों में शहीद हुए हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के आरोपी मोहम्मद वसीम को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह दो साल से फरार था।

दिल्ली दंगों (Delhi riots) में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल (Head Constable Ratan Lal) की हत्या के फरार आरोपी मोहम्मद वसीम को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार किया है। वसीम को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) से गिरफ्तार किया गया है। फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के दौरान करीब 50 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी। हत्या में शामिल कई आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

क्या है पूरा मामला

दिल्ली पुलिस के अनुसार, जनवरी 2020 में CAA और NRC के विरोध में चांद बाग, वजीराबाद रोड (Chand Bagh, Wazirabad Road) पर विरोध प्रदर्शन चल रहे थे। उसी दौरान 23 फरवरी, 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) भी दिल्ली आए थे। ट्रम्प के दौर को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को चांद बाग में तैनात किया गया था। उसी दौरान एक दिन विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। आयोजकों के आह्वान पर प्रदर्शनकारी लाठियां, लोहे की छड़, तलवारें, पत्थर, पेट्रोल बम और अन्य हथियार लेकर वजीराबाद रोड की ओर भागने लगे। पुलिसकर्मियों न्हें सर्विस रोड पर लौटने को कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस पर पथराव करने लगे और पेट्रोल बम फेंकने लगे। प्रदर्शनकारियों से इसी झड़प में 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसी हमले में इलाज के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल शहीद हो गए।

22 आरोपियों को गिरफ्तार किया, पांच फरार हो गये

मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी, सीडीआर और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि पांच फरार हो गए। दिल्ली पुलिस ने सभी फरार आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया। उनकी खोज में दिल्ली में कई जगहों पर छापे मारे गए, लेकिन आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला। अभी कुछ दिन पहले पुलिस को इनपुट मिला कि वसीम अलीगढ़ में छुप कर रह रहा है। इसके बाद अलीगढ़ पुलिस से भी जानकारी मांगी गई, जिसके बाद पुष्टि हो गई कि आरोपी मोहम्मद वसीम अलीगढ़ में एक फैक्ट्री में काम करता है। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने अलीगढ़ पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

दो साल तक छिपकर रहा, घरवालों से भी बात नहीं की

पूछताछ में मोहम्मद वसीम ने बताया कि साल 2010 में वह दिल्ली आ गया था और यहीं रहने लगा। अपने दोस्तों के साथ उसने भी फरवरी 2020 में CAA के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेना शुरू किया। यहीं पर वह दंगा भड़काने वालों और असामाजिक तत्वों के संपर्क में आया। घटना वाले दिन उसने अपने साथियों के साथ कांच की बोतलों में थिनर भरकर एक घर की छत पर रख दिया। ये बम दंगों के दौरान पुलिसकर्मियों पर फेंके गए थे। घटना के बाद वह फरार हो गया और मोबाइल फोन भी तोड़ दिया। पिछले दो साल से वह अपने घरवालों से भी संपर्क में नहीं था।

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