Black Fungus को लेकर AIIMS ने जारी नई गाइडलाइंस, जानें कैसे होगी पहचान, क्या उठाएंगे कदम?

दिल्ली समेत पूरे देशभर में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus) से लोगों की जान जा रही है। तेजी से ये संक्रमण देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल रहा है। हालि में कई शहरों में इसके मामले सामने आए हैं, ऐसे में इस संक्रमण को रोकना बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है। दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में हर रोज़ नए केस (New Cases) सामने आ रहे हैं। इस बीचए एम्स (AIIMS) ने ब्लैक फंगस को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की। जिससे आपको इसके बारे में पता लगाने और इससे बचने में मदद मिलेगी।
ब्लैक फंगस से कौन होंगे सबसे ज्यादा पीड़ित?
ब्लैक फंगस से वे मरीज़ों सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जिसमें डायबिटीज़ की बीमारी है। डायबिटीज़ होने के बाद स्टेरॉयड या दवाईयों का सेवन करते हैं, उनपर इसका खतरा अधिक है। कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों में अधिक रिस्क है। जो मरीज स्टेरॉयड और tocilizumab को अधिक मात्रा में ले रहे हैं। कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज़ जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। एम्स की ओर से डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि जो मरीज ब्लैक फंगस के शिकार होने के रिस्क पर हैं, उन्हें लगातार सूचित करें, चेकअप करवाएं।
इस संक्रमण के बारे में कैसे करें पता?
इस संक्रमण को आप ऐसे पता कर सकते है जैसे नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना। नाक का बंद होना, सिर और आंख में दर्द, आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना। चेहरे का सुन्न हो जाना या झुनझुनी-सी महसूस होना। मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना। ऐसे लक्षणों का पता लगाने के लिए हर रोज़ खुद को चेक करें, अच्छी रोशनी में चेक करें ताकि चेहरे पर कोई असर हो तो दिख सके। दांतों का गिरना, मुंह के अंदर या आसपास सूजन होना।
लक्षण होने पर क्या इलाज किया जाए?
एम्स ने इस बारे में जानकारी दी कि अगर किसी मरीज़ में ब्लैक फंगस के संक्रमण दिखते हैं तो उसकी देखभाल कैसे की जाए। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, आंखों के एक्सपर्ट से संपर्क करें या किसी ऐसे डॉक्टर के संपर्क में जाएं जो ऐसे ही किसी मरीज़ का इलाज कर रहा हो। ट्रीटमेंट को हर रोज़ फॉलो करें। अगर डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें। कोई अन्य बीमारी हो तो उसकी दवाई लेते रहें और मॉनिटर करें। खुद ही स्टेरॉयड या किसी अन्य दवाई का सेवन ना करें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें।
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