वायुसेना दिवस: राफेल, सुखोई और तेजस से गूंजेगा आसमान, दिखेगी भारत की शक्ति

भारत-सीमा के तनाव के बीच वायुसेना अपना 88 वां स्थापना दिवस मना आ रही है। मोदी सरकार के नेतृत्व में तीनों ही सेना में बहुत बड़े बदलाव देखने को मिले है। वहीं वायुसेना को रफाल और अपाचे जैसे लड़ाकू विमानों से और भी शक्तिशाली बनाया गया है। हालांकि फाइटर स्क्वाड्रन की कमी अभी भी वायुसेना को है। लेकिन धीरे-धीरे इससे भी पूरा करने की कोशिश की जा रही है। वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी मंगवाया गया है। जो कि जल्द भारत को मिलने वाला है।
इस बार वायुसेना दिवस के अवसर पर हिंडन एयरबेस पर कुल 56 एयरक्राफ्ट हि्स्सा ले रहे हैं। इनमें 19 फ़ाइटर, 19 हेलीकॉप्टर, 7 ट्रांसपोर्ट, 9 सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के हॉक और 2 विंटेज हैं। इस वायुसेना दिवस पर ट्रांसफार्मर के अंतरगत रफाल, सुखोई और तेजस एक साथ आसमान में गरजेंगे। रफाल विमान वायुसेना दिवस पर पहली बार हिस्सा ले रहे है। वायुसेना दिवस पर सभी लड़ाकू विमान पहले के मुकाबले पांच-पांच की फॉर्मेशन में उड़ान भर रहे है। जो कि तीन-तीन फॉर्मेशन में उड़ान भरा करते थे। वहीं चीन से तनाव के बीच लद्दाख के पर टैंक, तोपें और राशन जैसे सामान को पहुंचाने वाले ग्लोवमास्टर और हर्कुलिस भी हिंडन एयरबेस पर अपना करतव करते नजर आएंगे।
आपको बता दें कि अभी भी यह विमान लेह-लद्दाख में 50 हजार सैनिकों के लिए सप्लाई लाइन को बनाये रखे हुये है। चिनूक हेलीकॉप्टर ने भी हाली में सैनिकों के लिए हर जरूरत का सामान मुहैया कराया है। जो चुशूल से लेकर दौलत बेग ओल्डी तक मोर्चा संभाले दिखे थे। सैनिकों के लिए छोटे से लेकर बड़े हथियार पहुंचाया गया था। विदेशी हेलीकाप्टर के अलावा भारत में बने हेलीकॉप्टर भी इस वायुसेना दिवस पर हिस्सा लेते नजर आएंगे।
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