शराब नीति को लेकर कैसे CBI के चंगुल में फसी केजरीवाल सरकार? जानें क्या है पूरा मामला

शराब नीति को लेकर कैसे CBI के चंगुल में फसी केजरीवाल सरकार? जानें क्या है पूरा मामला
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आबकारी नीति मामले (Excise Policy Cases) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के आवास समेत 21 जगहों पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी जारी है।

आबकारी नीति मामले (Excise Policy Cases) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के आवास समेत 21 जगहों पर सीबीआई (CBI) की छापेमारी जारी है। वही दिल्ली समेत 7 राज्यों में छापेमारी की जा रही है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा हम सीबीआई का स्वागत करते है। हम कट्टर ईमानदार हैं।

जांच में पहले भी कुछ नहीं मिला, अब भी कुछ नहीं मिलेगा। हम लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे है। लेकिन यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में अच्छा काम करने वालों को इस तरह प्रताड़ित किया जाता है। इसलिए हमारा देश अभी नंबर-1 नहीं बन पाया है। सीबीआई (cbi) की पूर्व आबकारी आयुक्त ए गोपी कृष्णा के घर पर भी छापेमारी कर रही है।

ये है पूरा मामला

इसके अलावा सीबीआई की छापेमारी (CBI Raid) की लिस्ट में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) का नाम भी शामिल है। उन पर आरोप है कि आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने प्रावधानों की अनदेखी की है। इसके साथ ही आबकारी नीति के खिलाफ जाकर शराब बनाने वाली कंपनियों को शराब बेचने के ठेके दिए गए, जबकि शराब बनाने वाली कंपनियों और सप्लायर कंपनियों को शराब बेचने का ठेका नहीं दिया जा सकता है।

शराब की दुकान नहीं मिलने पर शराब ठेकेदार को 30 करोड़ रुपये लौटा दिए गए, जबकि नियमानुसार यह राशि सरकारी खजाने में चली जानी चाहिए थी। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि शराब बेचने वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

गौरतलब है कि राजधानी के एलजी ने दिल्ली के सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच (CBI investigation) की सिफारिश की थी। यह रिपोर्ट 8 जुलाई को भेजी गई थी। जिसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति (Excise Policy ) पर सवाल उठाए गए थे। जिसमें आबकारी नीति (2021-22) को बनाने और लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की उपेक्षा और नीति के क्रियान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं।

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