अमित शाह, हर्षवर्धन और केजरीवाल की व्यापारी संगठनों के साथ बैठक, फिर से बाजारों पर लग सकता है ताला

अमित शाह, हर्षवर्धन और केजरीवाल की व्यापारी संगठनों के साथ बैठक, फिर से बाजारों पर लग सकता है ताला
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अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं व्यापारिक संगठन के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में बाजारों को खोलने या बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा।

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का तेजी से बढ़ता संक्रमण लोगों को काफी तनाव में डाल रहा है। यहां केस में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। किसी का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद से केस तेजी से बढ़ रहे हैं।

इधर, व्यापारियों का कहना है कि बाजार फिर से बंद करने पर शायद केस में कुछ कंट्रोल हो सकता है। इस चिंतन को देखते हुए दिल्ली के प्रमुख व्यापारी संगठनों एवं व्यापारी नेताओं की एक बैठक करने का फैसला लिया गया है, जो रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होगी।

इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद रहेंगे।

व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर हमने दिल्ली के व्यापारिक संगठनों और प्रमुख व्यापारी नेताओं से एक ऑनलाइन सर्वे द्वारा उनकी राय मांगी थी।

इस सर्वे में लोगों ने कोरोना के बढ़ते केस पर काफी चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि हालात को देखकर वे तनाव में चल रहे हैं। वहीं, कुछ का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते केस और सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली के चिकित्सा सुविधाओं पर टिप्पणी करना दोनों काफी चिंताजनक है।

इस रिपोर्ट में 99.4 प्रतिशत व्यापारियों का कहना है कि दिल्ली में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे है और 92.8 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बाजार खुलने की वजह से संक्रमण पहले से ज्यादा तेज हो गया है। जबकि 88.1 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा है कि इस हालात में बाजार फिर से बंद दिया जाए।

कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया की इस रिपोर्ट पर अंतिम फैसला लेने के लिए रविवार को दिल्ली के प्रमुख व्यापारी संगठनों एवं व्यापारी नेताओं की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। इस बैठक में सर्वे रिपोर्ट को रखा जाएगा। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि बाजारों को खुला रखा जाए या बंद किया जाए।

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