किसान आंदोलन की वापसी को लेकर आज हो सकता है ऐलान, संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

किसान आंदोलन की वापसी को लेकर आज हो सकता है ऐलान, संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
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कृषि से जुड़ी मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmer Movement) वापस लेने पर आज फैसला हो सकता है। इस संबंध में केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) को प्रस्ताव दिया गया है।

कृषि से जुड़ी मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन (Farmer Movement) वापस लेने पर आज फैसला हो सकता है। इस संबंध में केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) को प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव में किसानों की अधिकांश मांगों को मान लिया गया है। हालांकि सरकार से कुछ बिंदुओं पर मोर्चा की ओर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा की और कुछ किसानों ने इसका विरोध किया। इसके बाद किसान संयुक्त मोर्चा द्वारा बनाई गई कमेटी की सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ आज दोपहर 2 बजे बैठक है। इस बैठक से पहले फिलहाल मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी आपात बैठक कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठक दिल्ली में हो रही है।

इस बैठक में फ्रंट की बैठक में सरकार की ओर से प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार बैठक में मामले को वापस लेने को लेकर अहम प्रस्ताव रखेगी, जिसके बाद मोर्चा की बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा। इससे पहले मंगलवार को किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई थी। वही सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी।

सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morch) को पांच बिंदुओं वाला प्रस्ताव भेजा है। इसमें कहा गया है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बाद में कृषि मंत्री ने एमएसपी (MSP) पर कमेटी बनाने का ऐलान किया है। इस समिति में केंद्र सरकार (Central Government), राज्य सरकार और किसान संगठनों और कृषि वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

इसके अलावा सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि जहां तक आंदोलन के दौरान किसानों के मामलों की बात है तो उत्तर प्रदेश सरकार (up Government) और हरियाणा सरकार (Government of Haryana) इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि आंदोलन वापस लेने के तुरंत बाद मामले वापस ले लिए जाएंगे।

केंद्र के प्रस्ताव में कहा गया है कि जहां तक मुआवजे की बात है, इसके लिए भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके अलावा सरकार के प्रस्ताव पर आगे कहा गया है कि जहां तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार (india of Government) द्वारा पारित कानून ने किसान को धारा 14 और 15 में आपराधिक दायित्व से छूट दी है।

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