तीन सालों में 200 लोगों से सगे भाइयों ने की करोड़ों रुपए की ठगी, इस तरह दिया अंजाम

नई दिल्ली। साइबर पुलिस स्टेशन उत्तर-पश्चिम जिला के स्टाफ ने दो जालसाज भाइयों को गिरफ्तार किया गया। इन पर तीन वर्षों में 200 से अधिक लोगों को यूआरएल प्रदान करके यूपीआई के माध्यम से क्रेडिट राशि की पेशकश करके ठगी का आरोप है। आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे। आरोपी पीड़ित के पिता का दोस्त बनकर कॉल करते थे। फिर उन्हें पिता से उधार ली गई राशि वापस यूपीआई के माध्यम से भेजने की बात कहते थे। ज्यादातर लोग इनसे पैसा लेने के लालच में आ जाते थे। लेकिन पैसा आने के बदले उनके खाते से कट जाता था। आरोपियों के नाम मुस्तकीम और इरशाद खान है। दोनों सगे भाई गोवर्धन, मथुरा के रहने वाले हैं।
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार 8 जुलाई को इसी साल पुलिस को एक शिकायत मिली थी। जिसमें जहांगीरपुरी निवासी महिला ने आरोप लगाया था कि उसे एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को उसके पिता का दोस्त बताया। उसने कहा कि 25 हजार रुपये उनके पिता से उधार लिए थे। अब वह यूपीआई के माध्यम से राशि वापस करना चाहता था। महिला पैसे प्राप्त करने के लिए सहमत हो गई थी। इसके बाद शिकायतकर्ता को एक लिंक भेजा गया और जब उसने दिए गए लिंक पर क्लिक किया, तो उसके खाते से शुरु में तीन हजार फिर 20 हजार रुपये काट लिए गए। इस तरह ठगों ने कुल चार लिंक भेजे और 93 हजार रुपये निकाल लिये थे। जांच में एकत्र की गई जानकारी और विवरण के विश्लेषण के आधार पर, एक जाल यूपी से दोनों आरोपियों को पकड़ा गया।
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