सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अब यूनिवर्सिटी के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आजम खान (Azam Khan) और मौलाना अली जौहर यूनिवर्सिटी (Ali Jauhar University) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की शर्त पर रोक लगा दी है। साथ ही रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय के कुछ हिस्सों को गिराने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court) द्वारा लगाई गई जमानत की शर्त प्रथम दृष्टया असंगत है और एक दीवानी अदालत के आदेश की तरह दिखती है। जौहर विश्वविद्यालय मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत पर लगाई गई शर्त को चुनौती देने वाली आजम खान की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) से जवाब मांगा है।
आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत के लिए लगाई गई शर्त को चुनौती दी है। आजम खान का दावा है कि यह स्थिति उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के एक हिस्से को तोड़े जाने से जुड़ी है। विश्वविद्यालय कथित तौर पर दुश्मन की संपत्ति पर कब्जा करके बनाया गया था। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 10 मई को खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति को अपने कब्जे में लेने और उसके चारों ओर कंटीली तार की चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि उक्त कवायद पूरी होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदला जाएगा। आजम खान के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि इमामुद्दीन कुरैशी (Imamuddin Qureshi) नाम का एक व्यक्ति विभाजन के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) चला गया था और उसकी जमीन को दुश्मन की संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन खान ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 13,842 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया।
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