सोशल मीडिया पर पहले दोस्ती करता है यह गैंग, फिर पॉर्न वीडियो भेज पुलिस का डर दिखा लोगों को कर रहे ब्लैकमेल

आज के समय में मोबाइल की बढ़ती उपलब्धता के साथ ही बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक अपना काफी समय सोशल मीडिया (Social Media) पर बिताते हैं। कुछ लोग अनजान लोगों से सोशल मीडिया पर फट से दोस्ती कर लेते हैं। बस ऐसे ही लोगों को यह गैंग (Bharatpur Gang) अपने जाल में फंसा लेता है। हम बात कर रहे है हाल ही में पॉर्न (Porn), पुलिस (Delhi Police) और ब्लैकमेल (Blackmail) का खेल रचने वाले राजस्थान के भरतपुर गैंग की।
सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती कर ब्लैकमेल करता है भरतपुर का गैंग
जानकारी के अनुसार, यह गैंग दिल्ली के लोगों को सोफ्ट टारगेट करते थे क्योंकि मेट्रो शहरों में अधितकर लोग अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताते है और ऐसे में यह गैंग सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती कर उनको पॉर्न भेज देता था। जिसके बाद उनसे अश्लील चैट और अश्लील वीडियो कर उनको अपने झांसे में ले लेता था। फिर गैंग का एक सदस्य पुलिस वाला बन उनको ब्लैकमेल किया करता था। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया हैँ। आरोपी की पहचान भरतपुर निवासी हकमुद्दीन के रूप में हुई है। बता दें कि शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आई है कि हाल ही में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना की तस्वीर का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग किया था।
शिकायतकर्ता ने बताई गैंग की करतूत
पुलिस को मिली शिकायत में एक शख्स ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक महिला के नाम से रिक्वेस्ट आई। जिसके बाद उन दोनों में दोस्ती हुई बातचीत होने लगी। थोड़ी देर बाद उधर से फोन नंबर मांगा गया। नंबर देने के बाद उसे वाट्सएप पर एक नंबर से पॉर्न वीडियो भेज दिया। फिर उसने राकेश अस्थाना की डीपी लगाकर कॉल किया और कहा कि पैसे नहीं दिए तो वीडियो इंटरनेट पर डाल देगा। उस शख्स ने डर के मारे लाखों रुपये दे दिए। इस मामले में अब तक एक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि गैंग में शामिल तीन और साथी फरार है।
लड़कियों की फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों को बनाते हैं शिकार
इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कहा कि भरतपुर गैंग लड़कियों की फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों को शिकार बनाते है। फिर नंबर मांगने के बाद उन्हें वीडियो कॉल पर सेक्स के लिए उकसाते हैं। इसके बाद वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते है। पुलिस ने लोगों को सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करने से मना किया है। वहीं, जांच में पता चला कि फोन नंबर असम के थे मगर इस्तेमाल भरतपुर में हो रहे थे। पैसों का सुराग लगाया गया तो पुलिस भरतपुर के हकमुद्दीन तक पहुंची और उसे हिरासत में लिया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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