दिल्ली दंगे में गवाह का बड़ा बयान, मैंने लोगों को कहते सुना था कपिल मिश्रा के लोगों ने जला दिया पंडाल

उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दाखिल पुलिस की चार्जशीट में भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में एक गवाह के हवाले से कहा गया है कि सीएए विरोधी आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उसने यह सुना था कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा के लोगों ने एक पंडाल को आग लगा दी है।
गवाह नजम-उल हसन ने बताया कि घटना के वक़्त कहा वह मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कथित घटना को देखा नहीं था पर उन्होंने कुछ लोगों से यह कहते हुए जरूर सुना था कि भाजपा नेता के लोगों ने पंडाल में आग लगा दी।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में नजम उल हसन को मुख्य गवाह करार दिया है, जिन्हें चांदबाग में विरोध प्रदर्शन की साजिश के बारे में पूरी जानकारी थी। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में 164 गवाहों का जिक्र किया है, जिनमें 76 पुलिसकर्मी और सात स्थानीय नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत गवाह नजम उल हसन के बयान को रिकॉर्ड किया है। क्रिमिनल ट्रायल के दौरान इस बयान को सबूत के तौर पर माना जा सकता है।
गवाह नजम उल हसन का कहना है कि पंडाल में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के कुछ लोगों ने आग लगा दी। मैंने यह देखा नहीं था लेकिन लोग ऐसा शोर मचा रहे थे। इस मामले क्व संबंध में अब तक बीजेपी कपिल मिश्रा की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
दिल्ली हिंसा भड़काने में उनकी कोई भूमिका नहीं
बता दें कि कपिल मिश्रा ने कहा था कि दिल्ली में हिंसा भड़काने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। साथ ही यह भी कहा था कि उनके किसी भी आदमी ने पथराव नहीं किया था। इसके उलट उन्होंने कहा था कि वह वहां तनाव को खत्म करने के लिए मौजूद थे क्योंकि लोग गुस्से में थे। कपिल मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा था कि प्रदर्शनकारियों की ओर से इलाके की दो अहम सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया था, जिसके चलते लोग बेहद आक्रोशित थे।
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