भाजपा विधायकों ने एलजी से की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग

नई दिल्ली। भाजपा विधायकों ने विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग को लेकर सोमवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात की। भाजपा शिष्टमंडल का नेतृत्व नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने किया। उपराज्यपाल से मांग की गई कि तमाम नियमों के अनुसार विधानसभा क सत्र बुलाया जाए ताकि लोकतांत्रिक और संवैधानिक परंपराओं का पालन किया जा सके। बिधूड़ी ने बताया कि उपराज्यपाल ने भाजपा विधायकों की बात पर गौर किया है और आश्वासन दिया है कि इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
उपराज्यपाल से भेंट करने वालों में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के अलावा भाजपा के विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओ.पी. शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अभय वर्मा और अजय महावर भी थे। भाजपा नेताओं ने कहा कि केजरीवाल सरकार एक केलेंडर वर्ष में तीन प्रमुख विधानसभा सत्र बुलाने के नियम का भी खुला उल्लंघन कर रही है। पिछले दो वर्षों में कोरोना के कारण विधानसभा सत्र बहुत सीमित बुलाए गए और इस बार संसद समेत अधिकतर विधानसभाओं के शीतकालीन सत्र हो चुके हैं लेकिन दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अभी कुछ अता-पता ही नहीं है।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के अधिकतर सत्रों को बुलाने से पहले नियमों का पालन नहीं किया जाता। नियमानुसार विधानसभा सत्र आहूत करने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए ताकि सदस्य अपने सवाल तैयार कर सकें लेकिन पिछले कुछ समय से 15 दिन के नोटिस के नियम का पालन तो किया ही नहीं जा रहा, प्रश्नोत्तर काल ही रद्द कर दिया जाता है। इस प्रकार सदस्यों के सवाल पूछने के मौलिक अधिकार को भी छीना जा रहा है जो लोकतांत्रिक परंपरा का खुला उल्लंघन है। इसके अलावा विधानसभा सत्रों का दुरुपयोग करते हुए उन्हें राजनीतिक आलोचना का हथियार बना लिया गया है।
विधानसभा सत्र कम से कम 15 दिन का अवश्य होना चाहिए। सदस्यों ने उपराज्यपाल से कहा कि इस समय दिल्ली के सामने कई समस्याएं ज्वलंत हैं और दिल्ली की जनता उनका समाधान और जवाब चाहती है। कोरोना का खतरा एक बार फिर मंडरा रहा है। दिल्ली में प्रदूषण फिर से हवा जहरीली कर रहा है और सरकार के पास इसका कोई समाधान नहीं है। मोहल्ला क्लीनिकों में टेस्ट बंद पड़े हैं और दवाइयां नदारद हैं। मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों को चार महीने से सैलरी नहीं मिल रही। दिल्ली में दो महीने से राशन नहीं बंट रहा जबकि केंद्र सरकार 72 लाख लोगों का राशन जारी कर चुकी है। दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट लचर हो चुका है और डीटीसी की बसों में आए दिन आग लग रही है। बुजुर्गों की पेंशन बंद पड़ी है और वे मारे-मारे फिर रहे हैं। डीटीसी समेत सभी विभागों के कांटेक्ट कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा। दिल्ली सरकार इन समस्याओं का जवाब देने की बजाय विधानसभा सत्र से भाग रही है।
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