निठारी हत्याकांड में कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को सुनाई 14वीं बार मौत की सजा, मनिंदर सिंह पंढेर को हुई 7 साल की जेल

निठारी हत्याकांड में कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को सुनाई 14वीं बार मौत की सजा, मनिंदर सिंह पंढेर को हुई 7 साल की जेल
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के प्रसिद्ध निठारी हत्याकांड (Nithari murder case) में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को आईपीसी 364 के तहत आजीवन कारावास (life imprisonment) और आईपीसी 302 के तहत मौत की सजा सुनाई है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के प्रसिद्ध निठारी हत्याकांड (Nithari murder case) में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को आईपीसी 364 के तहत आजीवन कारावास (life imprisonment) और आईपीसी 302 के तहत मौत की सजा सुनाई है। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर को अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 के तहत 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है।

यह जानकारी एडवोकेट देवराज सिंह ने दी है। गौरतलब है कि कोर्ट सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर (Maninder Singh Pandher) को पहले ही दोषी करार दे चुका है। आज सजा का ऐलान कर दिया है। देवराज सिंह ने बताया कि निठारी कांड के 16वें मामले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश राकेश कुमार त्रिपाठी (CBI judge Rakesh Kumar Tripathi) की अदालत ने सुरेंद्र कोली को अपहरण, बलात्कार, हत्या और सबूत छिपाने का दोषी ठहराया है।

मोनिंदर सिंह पंढेर को अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 3/5 के तहत दोषी ठहराया गया था। निठारी कांड में अब तक सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। बता दें कि पंढेर ने 7 मई 2006 को निठारी की एक लड़की को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाया था। इसके बाद युवती घर नहीं लौटी। लड़की के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था।

इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को पुलिस को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार कर लिया, बाद में निठारी कांड से जुड़े सभी मामले सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर कर दिए गए। सीबीआई ने युवती के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या मामले (rape and murder case) में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने निठारी मामले में कुल 16 मामले दर्ज किए थे।

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