पंजाब और दिल्ली से भी बड़े वादे कर CM केजरीवाल ने गुजरात आदिवासियों पर खेला दाव! दी ये गारंटी

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने गुजरात (Gujarat ) में आगामी विधानसभा चुनाव (assembly election) की तैयारी शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर आप (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी गुजरात की सत्ता में आती है तो संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम को राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।
केजरीवाल ने यह भी गारंटी दी कि गुजरात की आदिवासी सलाहकार समिति (Tribal Advisory Committee) की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के बजाय समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा की जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM Arvind Kejriwal) ने वडोदरा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। केजरीवाल ने आगे कहा, "हम संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को शब्दश लागू करेंगे।
हम पेसा अधिनियम को भी सख्ती से लागू करेंगे, जो कहता है कि कोई भी सरकार ग्राम सभा की सहमति के बिना आदिवासी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा एक आदिवासी सलाहकार समिति है, इसका काम आदिवासी क्षेत्रों के विकास की निगरानी करना और धन का उपयोग कैसे करना है। कानून कहता है कि आदिवासी सलाहकार समिति की अध्यक्षता एक आदिवासी को करनी चाहिए, जबकि गुजरात में मुख्यमंत्री इस समिति का नेतृत्व करते हैं। इसे रोका जा सकता है।
दरअसल संविधान की पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित प्रावधानों से संबंधित है। पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, जिसे पेसा अधिनियम (PESA Act) के रूप में भी जाना जाता है, इसको संसद द्वारा 1996 में अधिनियमित किया गया था। पेसा अधिनियम के तहत देश के विभिन्न राज्यों को अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मजबूत करने के लिए इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने के लिए कहा गया था।
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