तिहाड़ जेल में महिला कैदियों की हालत खराब, 'मुलाकात' कार्यक्रम के तहत DCW ने की सुविधाओं की सिफारिश

एशिया के सबसे बड़े तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में महिला कैदियों (Women Prisoner) की हालात बहुत बुरी हो रही है। इस बात का पता दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने महिला कैदियों के हालात का जाना है। इस दौरान उन्होंने जेल में सरकार और जेल प्राधिकारियों को सिफारिश की है कि जेल में शौचालयों में दरवाजे लगाने, वकीलों की संख्या बढ़ाने और कोविड-19 के मामले नियंत्रण में रहने तक फिर से 'मुलाकात' कार्यक्रम शुरू करने की वकालत की हैं। मालीवाल ने अपनी टीम के साथ महिला जेल का मुआयना किया और उन्होंने अपनी सिफारिशों में कहा कि जेल परिसर में मां के साथ रहनेवाले छोटे बच्चों को सर्वोत्तम देखभाल मिलनी चाहिए।
एक कक्ष में रहती है तीन महिलाएं
आयोग की टीम आज तिहाड़ जेल पहुंची थी सबसे पहले उन्होंने देखा कि एक छोटे से कक्ष में तीन महिलाओं को रखा गया है और उस कक्ष के शौचालय में दरवाजा भी नहीं था। आयोग ने सिफारिश की है कि कक्ष के भीतर बने शौचालय ठीक से ढके और बंद होने के लिए दरवाजे लगे होने चाहिए। तिहाड़ जेल में बंद महिलाओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए आयोग ने इन्हें बेहतर कानूनी सहायता मुहैया कराने की अपील की है। साथ ही वकीलों की संख्या को बढ़ाकर पांच करने की बात कही है। मौजूदा समय में दो वकील इसके लिए तैनात हैं।
जेलों में महिलाएं कई तरह के बनाती है वस्तुएं
यहां बंद महिलाएं कई वस्तुएं बनाती है। जैसे कपड़ा, कार्यालय फाइलें, आभूषण, बिस्कुट आदि। उसके बाद इससे बाजारों में 'टीजे' ब्रांड के नाम से बेचा जाता है। आयोग ने इन वस्तुओं का प्रचार होना चाहिए और सरकारी विभागों को तिहाड़ जेल के उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाए क्योंकि इससे इन महिलाओं की जिंदगी में बदलाव की प्रक्रिया में मदद मिलग है। स्वाति मालीवाल ने कहा कि इन उत्पादों को बेचने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइटों से भी संपर्क करना चाहिए। साथ ही साथ स्वाति मालीवाल ने जेल में पढ़ाई को लेेकर कई सुझाव दिए है। एक आंकड़ों के अनुसार तिहाड़ जेल में 276 महिलाओं में से 240 विचाराधीन कैदी हैं और 35 को सजा हो चुकी है।
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