कांग्रेस अध्यक्ष राज्यसभा से नहीं देंगे इस्तीफा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष नेता अभी बने रहेंगे। पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी को सौंप दिया था। माना जा रहा था एक नेता एक पद के सिद्धांत पर चलते हुए सोनिया गांधी उनका इस्तीफा मंजूर कर दूसरे नेता को उच्च सदन में विपक्ष के नेता पद का दायित्व देंगी, लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा। राज्यसभा में सबसे अनुभवी नेता पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम हैं, मगर हिंदी भाषा में उनकी पकड़ न होने और धुर राजनीतिक नेता न होने के कारण शीर्ष नेतृत्व ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ये जिम्मेदारी देने की ठानी थी, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा का सारा समन्वय चूंकि वो सफलता पूर्वक देख रहे हैं तो नेतृत्व अभी उन्हें डिस्टर्ब करने के मूड में नहीं। फरबरी में इस यात्रा के खत्म होने के बाद एक और दिशा से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत होनी है जिसका इंपैक्ट 2024 के लोकसभा चुनाव में हो, पार्टी रणनीतिकारों की ये कोशिश है।
इसलिए एक नेता-एक पद का नियम लागू नहीं
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, खड़गे दलित नेता हैं। वरिष्ठ हैं। अनुभवी हैं। पार्टी अध्यक्ष के साथ विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी आराम से उठा सकते हैं। उनके दोनों पद, लाभ के पद नहीं, इसलिए उन पर एक नेता एक पद वाला सिद्धांत लागू नहीं होता। ये फॉर्मूला वैसे नेताओं पर लागू होगा जो संगठन में किसी पद पर रहते हुए लाभ के किसी दूसरे पद पर भी हैं।
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