कांग्रेस जल्द करेगी दिल्ली में वापसी, भाजपा-आप के मत प्रतिशत में गिरावट: अनिल कुमार

दिल्ली नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बावजूद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस इस बात से सहमत नहीं है कि पार्टी का जनाधार घट गया है। निगम की 250 में से महज 9 वार्ड पर जीत के बावजूद कम से कम प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी तो इस बात से सहमत नहीं है। इस बारे में प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि बेशक निगम चुनावों में कांग्रेस को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी का जनाधार घटा है। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का वोट प्रतिशत 4.26 दर्ज हुआ था।
लेकिन अब महज दो साल में निगम चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 11.83 हो गया है, जो यह दिखाता है कि पार्टी के प्रति लोगों को झुकाव फिर होने लगा है। उन्होंने कहा कि गत दो साल में कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता लोगों के घर पहुंचा है,और अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत बुरी तरह गिरा है जबकि भाजपा को भी लोगों ने अनदेखा किया है। आप व भाजपा की आपसी नूरा कुश्ती का असर साफ देखा जा सकता है कि दोनों कहां खड़े है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 9 पार्षद बेशक गिनती में कम हो लेकिन जनता की आवाज उठाने में किसी भी तरह से पीछे नहीं रहेंगे।
निगम में कांग्रेस के पार्षद भ्रष्टाचार, कूड़े के पहाड़ हटाने, नालियों गलियों की सफाई व्यवस्था सही करने, स्वास्थ्य से लेकर निगम शिक्षा तक हर मुद्दे पर सत्ता पक्ष व मुख्य विपक्षी दल भाजपा को चैन से नहीं बैठने देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बढ़ते वोट प्रतिशत का फायदा आने वाले लोकसभा चुनावों में जरूर मिलेगा। कांग्रेस ने दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित की 15 साल की सरकार ने राजधानी में अभूतपूर्व विकास किया था। लोग आज भी कांग्रेस के उस समय को याद करते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं जो हार से बिखर जाए या टूट जाए।
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