दिल्ली में कोरोना का कहर जारी, स्वास्थ्य मंत्री ने पाबंदियों को लेकर कही ये बड़ी बात

दिल्ली में कोरोना का कहर जारी, स्वास्थ्य मंत्री ने पाबंदियों को लेकर कही ये बड़ी बात
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देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना (coronavirus ) मामलों में लगातार वृद्धि हो रही हैं। इसी बीच पिछले 24 घंटे में राजधानी में 1204 नए कोरोना केस दर्ज किए गए। जिसके बाद राज्य में कुल एक्टिव केस (active case) की संख्या 4508 हो गई है।

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना (coronavirus) मामलों में लगातार वृद्धि हो रही हैं। इसी बीच दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 1367 नए केस रिपोर्ट किए गए हैं। जिसके बाद राज्य में कुल एक्टिव केस (active case) की संख्या 4508 हो गई है। वहीं अगर कोरोना संक्रमण दर (infection rate) की बात करें तो इसमें पहले के मुकाबले थोड़ी गिरावट आई है, यह दर 4.64% तक पहुंच गई है।

वहीं पिछले 24 घंटे में एक कोरोना मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (satyendra jain) ने कहा कि फिलहाल घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, दिल्ली के अंदर की पूरी आबादी को टीका लगाया गया है, ज्यादातर लोगों को पहले भी कोरोना हो चुका है। अब जिन लोगों को कोरोना से संक्रमित हो रहे है, वे ज्यादा बीमार नहीं पड़ रहे हैं।

सत्येंद्र जैन ने बताया कि बीच में संक्रमण दर (infection rate) करीब सात फीसदी पहुंच गई थी, जबकि कल चार फीसदी संक्रमण हुआ था। अस्पताल में भी बहुत कम लोग भर्ती हैं, जो भर्ती है वह पहले से ही है, कोई खतरनाक स्थिति नहीं है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली बार भी 10 फीसदी बेड नहीं भरे थे। आज भी कोरोना के डेडिकेटेड बेड (dedicated bed) करीब 10 हजार हैं, जिसमें सिर्फ 100 लोग ही भर्ती हैं यानी सिर्फ 1% बेड ही भरे हुए हैं।

फिलहाल बेड की कोई समस्या नहीं है। दिल्ली सरकार (delhi government) फुल अलर्ट मोड पर है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से यह सवाल पूछा गया कि क्या दिल्ली में एक बार फिर पाबंदियां (restrictions) लगाई जा सकती हैं? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले जब कोरोना (coronavirus ) का डेल्टा वेरियंट (delta variant) आया था तो कई पैरामीटर तैयार किए गए थे, लेकिन पिछली बार जो लहर थी वह ज्यादा खतरनाक नहीं थी, जिसके बाद उसमें काफी बदलाव किए गए।

पांच फीसदी पर जो प्रतिबंध लगना चाहिए था, वह दस फीसदी में भी नहीं लगाया गया है, इसलिए ऐसा नहीं लगता कि अब किसी बड़े प्रतिबंध की जरूरत है। लेकिन लोगों को मास्क जरूर पहनना चाहिए।

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