पुरुर्षों के हॉर्मोन्स को प्रभावित कर रहा कोरोना वायरस, सेक्स पावर पर पड़ रहा बुरा असर, स्टडी में दावा

पुरुर्षों के हॉर्मोन्स को प्रभावित कर रहा कोरोना वायरस, सेक्स पावर पर पड़ रहा बुरा असर, स्टडी में दावा
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वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अध्ययन के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम क्यों होती जा रही है। इसलिए टेस्टोस्टेरोन के उपचार के आधार पर चिकित्सक क्षेत्र में संभावित सुधारों की उम्मीद की जा सकती है।

दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर (Second Wave) तबाही मचा रही है। रोजाना संक्रमण के मामले 3 लाख से (Above 3 lac Cases) ज्यादा आ रहे हैं। वहीं राहत की बात ये है कि हमारा रिकवरी रेट (Recovery Rate) काफी अच्छा है और लाखों मरीज कोविड को मात देकर पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर घर जा रहे हैं। लेकिन इस बीच एक नई स्टडी में कोरोना वायरस से कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिनके हिसाब से कोरोना से ठीक हुए पुरुषों (Corona Effect) के लिए खतरा ज्यादा है। क्योंकि कई महीनों बाद भी पूरी कोरोना की जकड़ से निकल नहीं पा रहे है।

खुलासा के मुताबिक, कोरोना वायरस ठीक हुए पुरुष के जननांगों में जाकर घर बना ले रहा है। जिसकी वजह से पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आ रही है, जिसकी वजह से पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन (Sex Hormones) टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के स्तर में कमी होने की बात सामने आई है, जिसके कारण पुरुषों की सेक्स पावर (Sex Power) पर बुरा असर पड़ रहा है। इसको लेकर वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अध्ययन के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम क्यों होती जा रही है।

इसलिए टेस्टोस्टेरोन के उपचार के आधार पर चिकित्सक क्षेत्र में संभावित सुधारों की उम्मीद की जा सकती है। शोध में यह भी बताया गया है कि शुक्राणुओं के स्तर में गड़बड़ी होने से पुरुषों की रोगों से लड़ने की क्षमता भी खत्म हो रही है। मेर्सिन विश्वविद्यालय में यूरोलॉजी के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक सेलाहिटिन कायन के अनुसार हालांकि यह पहले ही बताया जा चुका है कि टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने से पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है जो कि कोरोना का कारण बन सकती है।

लेकिन यह पहला अध्ययन है जो कि यह दावा करता है कि कोविड-19 ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है। वहीं मियामी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दो पुरुष कोरोना मरीजों के लिंग का स्कैन किया। ये स्कैनिंग इन पुरुषों की रिकवरी के 6 महीने बाद की गई। जांच में पता चला कि उनके जननांगों के अंदर मौजूद इरेक्टाइल सेल्स के अंदर कोरोना वायरस घर बनाकर बैठ गया है। जिसकी वजह से इन पुरुषों को स्तंभन दोष की दिक्कत आ रही है।

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