Coronavirus Vaccine Storage: जानिए कोरोना वैक्सीन का स्टोरेज कैसे किया जाता है?

Coronavirus Vaccine Storage: जानिए कोरोना वैक्सीन का स्टोरेज कैसे किया जाता है?
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Coronavirus Vaccine Storage: हर वैक्सीन का स्टोरेज अलग तरीके से किया जाता है। फाइज़र बायोएनटेक की वैक्सीन यूएस में दी जा रही है, उसके लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस चाहिए और पांच दिन के भीतर वैक्सीन लगानी होगी। मॉडर्ना वैक्सीन को माइनस 20 डिग्री पर रखा जाएगा।

Coronavirus Vaccine Storage: दिल्ली में कोरोना वायरस के खात्मे का दिन नजदीक आता दिखाई दे रहा है। क्योंकि जल्द ही देश में कोरोना वैक्सीन आने वाली है। ये जानकारी सूत्रों से दी गई है।

वहीं कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पहले वैक्सीन बचाना बेहद जरूरी हो जाता है। जबकि वैक्सीन के लिए एक तापमान र्निधारित किया जाता है। तो आईये वैक्सीन स्टोरेज के बारे में जानें कैसे इसका रखरखाव किया जाता है।

हर वैक्सीन के स्टोरेज का तरीका होता है अलग

हर वैक्सीन का स्टोरेज अलग तरीके से किया जाता है। फाइज़र बायोएनटेक की वैक्सीन यूएस में दी जा रही है, उसके लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस चाहिए और पांच दिन के भीतर वैक्सीन लगानी होगी। मॉडर्ना वैक्सीन को माइनस 20 डिग्री पर रखा जाएगा।

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 4 से 8 डिग्री तापमान पर रखी जा सकती है। वैज्ञानिक प्रयास कर रहे हैं कि हर वैक्सीन बराबर से प्रभावी हों ताकि सुविधा और उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से इनमें से कोई न कोई वैक्सीन हर व्यक्ति तक पहुंचायी जा सके।

दो तापमान संतुलित बनाए रखने वाले उपकरणों का भी किया जाएगा प्रबंध

कोविड-19 रोगियों का इलाज कर रहे राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि कुल 90 फ्रीजर आने हैं जिनमें से अधिकतर पहले ही आ चुके हैं और उन्हें लगाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, भंडारण के लिये दो तापमान संतुलित बनाए रखने वाले उपकरणों का भी प्रबंध किया गया है।

4,700 वर्ग फुट के क्षेत्रफल वाले अस्पताल के भूतल और प्रथम तल को भंडारण केन्द्र के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। सूत्रों से जब पूछा गया कि टीके कब तक आ सकते हैं तो उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि टीके कब आएंगे।

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