Coronavirus: दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी, जानें पिछले 24 घंटे में कितने आए नए मामले

Coronavirus: दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी, जानें पिछले 24 घंटे में कितने आए नए मामले
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Coronavirus: कोविड अस्पतालों में 10 हजार के करीब बेड खाली है। वहीं इन अस्पतालों में 5 हजार के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है। कोविड सेंटरों और हेल्थ सेंटरों में 6 हजार बेड उपलब्ध है। इन सेंटरों में 1200 के करीब मरीज अपना उपचार करा रहे है।

दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। हर रोज मामले बढ़ रहे है। वहीं मौतों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा। जहां पर दिल्ली सरकार के सारे दावे और फैसले फीके पड़ते दिखाई दे रहे है। क्योंकि बीते 24 घंटे में दिल्ली में 2312 नये मामले सामने आये है। जबकि एक दिन में 1050 मरीज रिकवर होकर घर चले गये है। वहीं इस बीमार से 18 लोगों की मौत हो गई है। इस नये संक्रमण को मिलाकर दिल्ली में अब कुल कोरोना के 1 लाख 77 हजार से अधिक मामले हो चुके है। जबकि इस महामारी से अब तक 1 लाख 56 हजार से अधिक लोग ठीक हो चुके है। दिल्ली में कोविड-19 से अब तक 4462 लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं इस समय दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 15870 सक्रिय मामले है। राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या अब 846 हो चुकी है। वहीं बात की जाए कोविड अस्पतालों की तो हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ रही है। दिल्ली के साथ-साथ दूसरे राज्यों के मरीज भी दिल्ली में इलाज करवाने आ रहे है। जो कि दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने का यह भी एक कारण है। कोविड अस्पतालों में 10 हजार के करीब बेड खाली है। वहीं इन अस्पतालों में 5 हजार के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है।

कोविड सेंटरों और हेल्थ सेंटरों में 6 हजार बेड उपलब्ध है। इन सेंटरों में 1200 के करीब मरीज अपना उपचार करा रहे है। वहीं इस संक्रमण का होम आइसोलेशन में 8119 मरीज अपना इलाज करवा रहे है। दिल्ली में एक दिन में 24 हजार से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट हुये है। जिसमें 17000 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से जांच की गई है। पूरी दिल्ली में अभी तक 16 लाख टेस्ट करवाये जा चुके है।

दिल्ली में कोरोना के बाद मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगा

दिल्ली में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बावजूद 30 फीसदी लोग मानसिक दिक्कतों का सामना कर रहे है। क्योंकि उनको भविष्य में फिर से संक्रमित होने का डर सता रहा है। वहीं शरीर भी पहले की तरह ऊर्जावान नहीं रह जाता इसलिए ऐसी परेशानी लोगों को सता रही है। डॉक्टरो का कहना है कि इन बीमारियों का समय पर इलाज नहीं होता तो यह गंभीर मानसिक समस्या बन जाती है।

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