कोरोना वायरस को लेकर यूजीसी ने शिक्षा संस्थानों को आरटी-पीसीआर मशीनें उपलब्ध कराने को कहा

यूजीसी ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों को निकटवर्ती जिला अस्पतालों और सरकारी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर मशीनें उपलब्ध करवाने को कहा है। उच्च शिक्षा के नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि अस्थायी तौर पर ऐसी मशीनों की व्यवस्था किए जाने से प्रतिदिन करीब 60,000 जांच की अतिरिक्त सुविधा मिल सकेगी।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने बताया कि कोविड-19 की जांच की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि और आरटी-पीसीआर मशीनें लगाकर जांच केंद्रों को मजबूत किया जाए। शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के विभिन्न विभागों में इस तरह की मशीनें बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं और इनमें आरटी-पीसीआर जांच हो सकती है। फिलहाल, इन मशीनों का किसी महत्वपूर्ण काम के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट कर दिया गया है कि जिला अस्पतालों और सरकारी प्रयोगशालाओं में अस्थायी तौर पर ऐसी मशीनें लगाने से रोजाना करीब 60,000 अतिरिक्त जांच हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर सभी उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों को स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के साथ विचार-विमर्श करने को कहा गया है। कोविड-19 की जांच के लिए 31 अगस्त तक जिला अस्पतालों और सरकारी प्रयोगशालाओं में अस्थायी आधार पर मशीनें लगाने का अनुरोध किया गया है।
मानसिक स्वास्थ्य इकाई की स्थापना करेगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने बाल देखभाल संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य इकाई की स्थापना करेगी। महिला और बाल विकास विभाग ने पिछले सप्ताह एक नोटिस जारी किया था, जिसमें ऐसे केन्द्रों की स्थापना के लिए इच्छुक एजेंसियों को अभिरूचि पत्र दाखिल करने को कहा गया। आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 10 सितम्बर है और इससे पहले 28 अगस्त को एक बैठक भी होगी। नोटिस में कहा गया कि मानसिक स्वास्थ्य इकाइयों को दिल्ली में विभिन्न संस्थागत परिसरों में स्थापित किया जाएगा और तीन समूहों में वर्गीकृत किया जाएगा।
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