दिल्ली हवाईअड्डे पर कोविड-19 जांच सुविधा की हो सकती है व्यवस्था

दिल्ली हवाईअड्डे पर कोविड-19 जांच सुविधा की हो सकती है व्यवस्था
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अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट निगेटिव पायी जाने के बाद यात्रियों को संस्थागत पृथक-वास में नहीं रहना पड़ेगा। आठ अगस्त के बाद से यदि किसी अंतरराष्ट्रीय यात्री के पास यात्रा से पहले 96 घंटों में हुई कोविड-19 जांच की रिपोर्ट है।

दिल्ली हवाईअड्डे पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोविड-19 जांच सुविधा की व्यवस्था की जा सकती है। जांच में असंक्रमित पाए जाने पर उन्हें सात दिनों के अनिवार्य संस्थागत पृथकवास में नहीं भेजा जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट निगेटिव पायी जाने के बाद यात्रियों को संस्थागत पृथक-वास में नहीं रहना पड़ेगा।

आठ अगस्त के बाद से यदि किसी अंतरराष्ट्रीय यात्री के पास यात्रा से पहले 96 घंटों में हुई कोविड-19 जांच की रिपोर्ट है और उसमें यात्री के संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई है तो उन्हें भारत में सात दिवसीय संस्थागत पृथक-वास में नहीं रहना पड़ेगा।

एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर जांच की सुविधा उन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए होगी, जिनके पास कोविड-19 की जांच रिपोर्ट नहीं है जिसमें उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई हो और वे पृथक-वास में नहीं रहना चाहते हों। भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण 23 मार्च से ही अंतराराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था।

कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा

नागर विमानन मंत्रालय कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फरवरी, 2019 में पहले दौर में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डों के सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में परिचालन, प्रबंधन और विकास की मंजूरी दी गई थी। उसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने सितंबर, 2019 में नागर विमानन मंत्रालय से अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची के हवाईअड्डों के निजीकरण की सिफारिश की थी।

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