CSS Founder बना प्रवासी मजदूरों का सहारा, काम न मिलने तक उपलब्ध कर रहे मुफ्त खाना, 'छोटी घटना' से तय हुआ 'बड़ा लक्ष्य'

देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत आसपास के खुशहाल राज्यों में अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को काम मिलने तक की सबसे बड़ी परेशानी रहने और खाने-पीने का खर्च उठाने में आती है। अगर काम समय से न मिले तो इन प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को या तो छोटा कर्जा लेना पड़ता है या फिर गांव लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता है। हालांकि इसके बीच एक ऐसी संस्था भी है, जो प्रवासी मजदूरों की खाने-पीने की चिंता को पूरी तरह समाप्त कर देती है। यह संस्था काम न मिलने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाना (Free Food) उपलब्ध करा रही है। संस्था का दावा है कि साल भर में 80 हजार प्रवासी मजदूरों की इसी तरह मदद कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हम जिस संस्था का जिक्र कर रहे हैं, उसका नाम सीएसएस फाउंडर (CSS Founder) है। सीएसएस फाउंडर न केवल दिल्ली बल्कि अन्य शहरों में भी अपने वालंटियर्स के माध्यम से बेरोजगार प्रवासी मजदूरों को खाना उपलबध करा रहा है। सीएसएस फाउंडर के इमरान खान बताते हैं कि हमने कोरोना महामारी में प्रवासी मजदूरों की परेशानी को समझा और इसके बाद हुआ कि इनको मदद दी जाए।
उन्होंने बताया कि सीमित संसाधन होने के बावजूद हम लोग प्रवासी श्रमिकों की मदद कर रहे हैं और साल में करीब 80 हजार जरुरतमंद प्रवासी मजदूरों को खाना उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं संस्था से जुड़े वालंटियर्स सड़कों पर घूमने वाले, कूड़ा बीनने वाले बच्चों के लिए भी भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही इन बच्चों के लिए शिक्षा का भी इंतजाम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया और नोएडा सहित अन्य इलाकों में फ्री फूड फॉर नीडी पीपुल अभियान (Free food for needy People) के तहत निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खासियत यह है कि बेरोजगार श्रमिक भी रोजगार मिलने के बाद संस्था से जुड़े हैं और अन्य प्रवासियों की मदद में भागीदारी कर रहे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS