Delhi AIIMS Strike: नर्सों की एम्स प्रशासन नहीं सुन रहा बात, जारी रहेगा अनिश्चितकालीन हड़ताल

दिल्ली में इस कोरोना काल में कोरोना योद्धाओं को प्रशासन या फिर सरकार से कष्ट उठाना पड़ा है। क्योंकि ये कोरोना योद्धा इस महामारी में अपने घर परिवार को छोड़ कर लोगों की सेवा कर रहे है लेकिन प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। ऐसे में दिल्ली में एम्स नर्स यूनियन छठे केंद्रीय वेतन आयोग से संबंधित मांगों और अपनी अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है।
वहीं नर्सिंग अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि हमने एम्स प्रशासन को एक महीने पहले से नोटिस दिया हुआ है, फिर भी हमें मिलने के लिए नहीं बुलाया गया। हमसे बात करने की भी कोशिश नहीं की और मंत्रालय के द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। हमारे पास इसके (हड़ताल) अलावा कोई विकल्प नहीं है। इससे पहले, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने नर्स यूनियन की हड़ताल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
हमने एम्स प्रशासन को एक महीने पहले से नोटिस दिया हुआ है, फिर भी हमें मिलने के लिए नहीं बुलाया गया। हमसे बात करने की भी कोशिश नहीं की और मंत्रालय के द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। हमारे पास इसके(हड़ताल) अलावा कोई विकल्प नहीं है: अनिल कुमार, नर्सिंग अधिकारी https://t.co/likk11loMQ pic.twitter.com/ziAtpYj8gw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में सच्चे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते। नर्स यूनियन को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए। लेकिन डॉ. रणदीप गुलेरिया की अपील का असर नर्स यूनियन पर दिखाई नहीं दे रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि नर्स यूनियन की प्रमुख 23 मांगें हैं। जन्हें सरकार और एम्स प्रशासन ने मान ली हैं। इसमें उनकी एक प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है। उधर, नर्स यूनियन ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
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