दिल्ली में Bird Flu की पुष्टि- लोगों में नहीं खौफ, अंडे-चिकन खाने के लिए दुकानों पर भारी भीड़

Delhi Bird Flu दिल्ली में सोमवार को बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हो चुकी है। वहीं देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसी बीच, दिल्ली में चिकन (Chiken) के दामों में कमी आने से एक तरफ कारोबारी परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ कम आदमनी वाले कमजोर वर्ग के लिए यह बीमारी किसी सौगात से कम नहीं है। मुर्गे-मुर्गियों के दाम करीब-करीब आधे हो जाने के बाद इनकी ज्यादातर खपत अब कम आमदनी वाले वर्ग में ही रह गई है। देश में केरल, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश समेत सात राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। इन राज्यों में पक्षियों के संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए हजारों परिंदों को मार दिया गया है।
दिल्ली के कुछ इलाकों में मिले मृत कौए के मिले सभी सैंपल पॉजिटिव पाये गये
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में कौए मृत मिले हैं। गाजीपुर मुर्गा मंडी को 10 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। पुरानी दिल्ली में मुर्गे के मांस की दुकान चलाने वाले अतीक कुरैशी ने कहा कि दो-तीन दिन पहले तक मुर्गे का मांस 190 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम था जो अब 110-120 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सात महीने दुकान बंद थी और अब यह वायरस आ गया है जिससे मांस की बिक्री में कमी आई है।
कम आमदनी वाले लोग डबाकर खा रहे हैं चिकन
जामा मस्जिद क्षेत्र में मुर्गे का कारोबार करने वाले इकबाल का भी यही कहना है। उन्होंने कहा, "पढ़े-लिखे और संपन्न लोग 'चिकन' के सेवन से बच रहे हैं जबकि कम आमदनी वाले ऐसे लोग जो ऊंची कीमत की वजह से मुर्गा नहीं खरीद पाते थे या कम मात्रा में खरीदते थे, वे अब दो-ढाई किलोग्राम तक खरीद रहे हैं। इकबाल ने कहा कि मुर्गे के दाम बीते दो-तीन दिन में ही काफी गिर गए है। जहां जिंदा मुर्गा 120-125 रुपये किलोग्राम की दर से बिक रहा था, वहीं अब यह 55 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया है।
चिकन को खाने में कोई हर्ज नहीं: डॉ संजय कुमार
क्यूआरजी सेंट्रल अस्पताल में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ संजय कुमार ने कहा कि अच्छी तरह से पके हुए चिकन को खाने में कोई हर्ज नहीं है। अगर चिकन में संक्रमण है भी तो वह अच्छी तरह से पकने पर खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अधपका मांस नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है। डॉ. कुमार ने कहा कि संक्रमण संक्रमित पक्षी की लार या बलगम या मल के संपर्क में आने से फैलता है। उधर, 'चिकन' कारोबार से जुड़े लोग बर्ड फ्लू की आहट और दाम गिरने से परेशान हैं।
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