Delhi गंदे पानी की सप्लाई के विरोध में BJP का Jal Board मुख्यालय पर प्रदर्शन, कहा- दिवालिया हो चुका

दिल्ली (Delhi) में पानी की भारी कमी एवं गंदे पानी की सप्लाई के विरोध में शनिवार को दिल्ली भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (State President Virendra Sachdeva) के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) के मुख्यालय पर विराट रोष पूर्ण प्रदर्शन किया और विरोध स्वरूप मटके फोड़े। प्रदर्शन को विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद रमेश बिधूड़ी एवं प्रवेश साहिब सिंह, सरदार राजा इकबाल सिंह, पवन शर्मा, विजेंद्र गुप्ता आदि ने संबोधित किया। प्रदर्शनकारी झंडेवालान मंदिर के पास एकत्र हुए और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ मार्च करते हुए और पुलिस बैरिकेड्स तोड़ते हुए दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के मुख्य द्वार की ओर बढ़े जहां से पुलिस वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद रमेश बिधूड़ी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर थाना पहाड़गंज ले गई। कुछ समय बाद उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया।
दिल्ली जल बोर्ड पूरी तरह से हो चुका दिवालिया- सचदेवा
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड आज पूरी तरह से दिवालिया हो चुका है और स्थिति यह है कि उसके पास लिए हुए कर्ज के ब्याज चुकाने का भी पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि यही जल बोर्ड 2014-15 में लाभ में था। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के लोग साफ पानी के लिए तरस रहे हैं । द्वारका के लोग सड़कों पर हैं, संगम विहार में पानी नहीं आता और कोंडली में गंदे पानी से लोग बीमार पड़ रहे हैं और यमुना पार का ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां पानी की समस्या ना हो लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दरवाजे-दरवाजे घूम कर अपने अपराध को छुपाने के लिए धक्के खा रहे हैं।
दिल्ली में टैंकर से पानी वितरण में लड़ाई
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने जल बोर्ड के चेयरमैन रहते एक नया काम किया और जल बिल से इकट्ठा होने वाली रूपए 20 करोड़ से ज्यादा की राशि के लिए एक नई कंपनी फेस एंटिफिसेशन को हायर किया और उसे पानी बिल वसूल करने की जिम्मेदारी दे दी। सचदेवा ने कहा कि उस कंपनी ने पैसा इकट्ठा किया और जल बोर्ड को देने के बजाय एक प्राइवेट बैंक में डालने लगी जहां से जल बोर्ड की बर्बादी शुरू हुई। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड की सभी फाइलों का अप्रूवल उस वक्त केजरीवाल ही देते थे। हर साल रूपए 800 करोड़ का घाटा जल बोर्ड को है। केजरीवाल जानबूझकर गंदा पानी देते हैं ताकि लोग टैंकर का इस्तेमाल करें। अक्सर दिल्ली में टैंकर से पानी वितरण में लड़ाई झगड़े होते हैं। सचदेवा ने एक पानी का बिल दिखाते हुए कहा कि एक प्रॉपर्टी दो साल से बंद पड़ी है लेकिन उसका बिल 2.71 लाख रुपये से अधिक आया है।
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