जानिए किस लिए CM केजरीवाल ने पुरानी नीति को वापस लागू करने का उठाया कदम

जानिए किस लिए CM केजरीवाल ने पुरानी नीति को वापस लागू करने का उठाया कदम
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दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है। अधिकारियों ने इसकी जनकारी दी। केजरीवाल सरकार अपनी नई आबकारी नीति वापस लेगी और एक अगस्त से पुरानी नीति लागू करेगी।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lt Governor VK Saxena) ने केजरीवाल सरकार की 2021-22 नई आबकारी नीति (New Excise Policy) में नियमों के उल्लंघन और खामियों को लेकर सीबीआई जांच (CBI Probe) की सिफारिश की है। इसी बीच मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है।

अधिकारियों ने इसकी जनकारी दी। केजरीवाल सरकार अपनी नई आबकारी नीति वापस लेगी और एक अगस्त से पुरानी नीति लागू करेगी। यानी 1 अगस्त से सरकार दिल्ली में फिर से पहले की तरह शराब की बिक्री करेगी। बता दें इससे पहले आबकारी नीति 2021-22 को 31 मार्च के बाद दो महीने के लिए दो बार बढ़ाया गया था, जो 31 जुलाई को समाप्त हो जाएगी।

सरकार अब इसे आगे नहीं बढ़ाएगी। इसका ऐलान दिल्ली सरकार की तरफ से कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि आबकारी विभाग अभी भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है, जिसमें घर पर शराब पहुंचाने की और भी कई सिफारिशें हैं। उनके मुताबिक, यह मसौदा नीति अभी तक उपराज्यपाल को नहीं भेजी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया(Manish Sisodia) जो आबकारी विभाग का प्रभार संभाल रहे हैं, उन्होंने गुरुवार को विभाग को नई नीति लागू होने तक छह महीने के लिए पुरानी आबकारी प्रणाली में लौटने का निर्देश दिया है। नई आबकारी नीति वापस लेने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को बीजेपी (bjp) पर निशाना साधा।

सिसोदिया ने कहा कि आज मैं आपके सामने दो राज्यों की आबकारी नीति के तथ्य रखना चाहता हूं। एक गुजरात में है जहां शराबबंदी है। लेकिन सभी जानते हैं कि शराबबंदी के नाम पर ये लोग वहां हजारों करोड़ रुपये नकद में शराब बेचते हैं। नकली शराब से मौत का यह पहला मामला नहीं है, लोगों का कहना है कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन हर दूसरे तीसरे साल ऐसे मामले सामने आते हैं जहां जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत होती रही है।

सिसोदिया ने आगे कहा कि दूसरा मॉडल दिल्ली का है हमारी सरकार पिछले साल नई आबकारी नीति लाई थी, 2021-22 की नीति लागू होने से पहले दिल्ली में ज्यादातर सरकारी दुकानें थीं। दिल्ली में जो प्राइवेट दुकानों (Private Shops) थी उनके लाइसेंस उन्होंने अपने यारों दोस्तों को दे रखे थे और बहुत कम लाइसेंस फीस लेते थे। सिसोदिया ने कहा कि पहले दिल्ली में 850 दुकानें थीं और हमने नई नीति में तय किया है कि इतनी ही दुकानें खोली जाएंगी, कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी।

पहले सरकार को 6000 करोड़ का राजस्व मिलता था, अब 9500 करोड़ का राजस्व आने लगा हैं। सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली में सिर्फ 468 दुकानें चल रही हैं और एक अगस्त से कई और दुकानें भी कम हो जाएंगी क्योंकि सीबीआई ईडी के डर से कई और लोग दुकानें छोड़ने जा रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली में शराब की किल्लत हो जाए. कानूनी रूप से बेची जा रही शराब की कमी होनी चाहिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर दिल्ली में शराब की किल्लत होती है तो उन्हें फायदा होता है क्योंकि नकली शराब के धंधे का जन्म होता है। उन्होंने ईडी और सीबीआई (CBI) के नाम पर इतना डरा दिया है कि अब कोई शराब का टेंडर लेने को तैयार नहीं है, अधिकारी डरे हुए हैं।

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