Delhi Coronavirus: दिल्ली में एक महीने में सबसे कम आए कोरोना के मामले, 289 और लोगों की मौत

Delhi Coronavirus: दिल्ली में एक महीने में सबसे कम आए कोरोना के मामले, 289 और लोगों की मौत
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Delhi Coronavirus: इसके साथ महामारी से राष्ट्रीय राजधानी में 289 और लोगों की मौत हो गई। कल 68,575 नमूनों की जांच की गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 12.40 प्रतिशत संक्रमण दर 11 अप्रैल के बाद सबसे कम है जब यह 9.4 प्रतिशत थी। संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 अप्रैल के बाद सबसे कम है जब यह आंकड़ा 7,897 मामलों का था।

Delhi Coronavirus दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने लगा है। कई दिनों बाद दिल्ली में मौतों (Covid Deaths) की संख्या में कमी आई है। वहीं लगातार मामले कम हो रहे है। इस बीच, दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 8,506 नए मामले सामने आए (New Corona Cases) जो एक महीने में सबसे कम आंकड़ा है और संक्रमण दर अब कम होकर 12.40 (Positive Rate) प्रतिशत रह गई है। इसके साथ महामारी से राष्ट्रीय राजधानी में 289 और लोगों की मौत हो गई। कल 68,575 नमूनों की जांच की गई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 12.40 प्रतिशत संक्रमण दर 11 अप्रैल के बाद सबसे कम है जब यह 9.4 प्रतिशत थी। संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 अप्रैल के बाद सबसे कम है जब यह आंकड़ा 7,897 मामलों का था।

96 साल की महिला ने दी कोरोना को मात

कोविड-19 महामारी की भयावह लहर के कारण चारों तरफ निराशा और हताशा के माहौल के बीच दिल्ली के शाहदरा में रहने वाली 96 साल की पुष्पा शर्मा ने इस जानलेवा वायरस को मात देकर अपनी जिजीविषा और जीवन के प्रति अपने सकारात्मक नजरिये की अनूठी मिसाल पेश की है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद 96 साल की पुष्पा ने हिम्मत नहीं हारीं और उन्होंने अपने आत्मबल से इसके संक्रमण को हराया और ठीक हो गयीं। पुष्पा की हिम्मत और साहस देखकर उनके पड़ोसी प्रफुल्लित हैं। पुष्पा अपने बेटे अरुण कुमार (67) और बहू मीना (64) के साथ राजधानी के नवीन शाहदरा में रहती हैं।

कोरोना के कारण दिल्ली में ईद की रौनक रही फीकी

कोविड-19 के चलते पाबंदी लागू होने से दिल्ली में इस बार जामा मस्जिद का परिसर भी सूना रहा और लोगों ने घरों में ही ईद मनायी। रमजान के पवित्र माह के समापन के बाद ईद के दौरान लोगों के पास अपने परिजनों और दोस्तों से मिलने का मौका होता है लेकिन इस बार सीमित मौजूदगी में ही लोगों को पर्व मनाना पड़ा। जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा कि महामारी के कारण त्यौहार की रौनक फीकी पड़ गयी। बुखारी ने कहा कि इस साल लोग मुश्किलें झेल रहे हैं। रमजान और ईद पर आने वाली खुशियां भी इस बार गायब है। कुछ लोग बीमार हैं, कुछ लोगों ने दम तोड़ दिया।

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