Delhi Coronavirus: दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव- पिछले पांच महीनों में RT-PCR से की गई सबसे ज्यादा जांच

Delhi Coronavirus दिल्ली में कोरोना (Corona Pandemic) से बचने के लिए सावधानियां बरती जा रही है। इस बीच लोग संक्रमण का पता लगाने के लिए सबसे ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) करवा रहे है। इस बात का खुलासा सरकारी आंकड़ों से हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए पिछले पांच महीनों में की गई कुल जांचों में से 70 प्रतिशत जांच कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए सबसे ज्यादा अनुशंसित तरीके आरटी-पीसीआर की गई। एक अगस्त से 25 अगस्त के बीच, स्वास्थ्य अधिकारियों ने 16.17 लाख जांचें की गई जिनमें से 11.18 लाख जांच आरटी-पीसीआर के माध्यम से की गईं।
आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट में लगते है दो दिन
रियल टाइम पॉलीमर चेन रिएक्शन टेस्ट (आरटी-पीसीआर) और रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) दो मुख्य तरीके हैं जिनका इस्तेमाल कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है। आरटी-पीसीआर वायरल आनुवंशिक सामग्री (आरएनए) का पता लगाता है और काफी सटीक तरीका है। जांच परिणाम आने में दो दिन का समय लग सकता है। इस जांच का लाभ यह है कि यह लक्षणों के उभरने से पहले ही वायरस का पता लगा सकता है और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए खुद को जल्द से जल्द अलग-थलग करने का संकेत देता है।
आरटीपीसीआर से 21.79 लाख जांचें की गई
जुलाई में, राजधानी में कोविड-19 के लिए की गई 21.79 लाख जांचें की गईं। इनमें से, 15.18 लाख नमूनों की जांच आरटी-पीसीआर के माध्यम से की गईं। जून में किए गए कुल 21.88 लाख परीक्षणों में 71.42 प्रतिशत और मई में किए गए 21.41 लाख परीक्षणों में से 75.17 प्रतिशत आरटी-पीसीआर तरीके से किए गए। फरवरी, मार्च और अप्रैल में; इस पद्धति से 64.81 प्रतिशत, 64.29 प्रतिशत और 66.02 प्रतिशत परीक्षण किए गए। जनवरी में 20 लाख से अधिक परीक्षण किए गए, जिनमें से 11.78 लाख (57.65 प्रतिशत) आरटी-पीसीआर जांचें थी।
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