Delhi Court: 15 जनवरी तक दिल्ली की District court में लागू होगी 'ई-जेल' की व्यवस्था

Delhi Court: 15 जनवरी तक दिल्ली की District court में लागू होगी ई-जेल की व्यवस्था
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प्राधिकरण ने पीठ को बताया कि शुरुआत में यह सुविधा परीक्षण के तौर पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (केंद्रीय) और दो मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (केंद्रीय) की तीन अदालतों में स्थापित की जा रही है।

दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को जानकारी दी कि रिमांड, जमानत तथा वारंट संबंधी आदेश लेने के लिए जिला अदालतों और जेलों के बीच डिजिटल माध्यम से संपर्क की व्यवस्था 'ई-जेल' 15 जनवरी 2021 तक कार्यान्वित कर दी जाएगी। प्राधिकरण ने पीठ को बताया कि शुरुआत में यह सुविधा परीक्षण के तौर पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (केंद्रीय) और दो मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (केंद्रीय) की तीन अदालतों में स्थापित की जा रही है।

प्राधिकरण के वकील सुमेर सेठी ने कहा कि केंद्रीय कम्प्यूटर समिति के अध्यक्ष की अगुवाई में 13 अक्टूबर को एक बैठक हुई थी जिसमें प्राधिकरण के सदस्य सचिव, कई विधिक अधिकारी और एनआईसी के अधिकारी शामिल थे। सेठी ने कहा कि ई-जेल व्यवस्था, 30 नवंबर तक सभी मजिस्ट्रेट अदालतों में स्थापित कर दी जाएगी। आपराधिक मामलों के अधिकार क्षेत्र वाली दिल्ली की अन्य जिला अदालतों में इसे 15 जनवरी 2021 तक लागू कर दिया जाएगा। पीठ ने प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश (मुख्यालय) से अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले को 28 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

मुख्य सचिव हमला मामला में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशू प्रकाश से मारपीट के मामले में एक गवाह के बयान को मुहैया कराने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका को खारिज करने वाले सत्र न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि पुलिस तय नहीं कर सकती कि किस सबूत को रिकॉर्ड में लाया जाए। न्यायमूर्ति सुरेश ललित ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले में आदेश पारित करते वक्त 21 फरवरी 2018 को दिए गए बयान पर विचार करे। यान पर विचार करे।

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