कोर्ट का जमाखोरियों पर चला हथौड़ा, ऑक्सीजन कंसंस्ट्रेटर की कालाबाजारी करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार

दिल्ली में ऑक्सीजन का कालाबाजारी और जमाखोरियों (Delhi Oxygen Black Marketing) का मामला नहीं रुक रहा। इसलिए अब इसके आरोपियों पर भी दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया। इस संबंध में ऑक्सीजन कंसंस्ट्रेटर (Oxygen Constructor) को बड़ी मात्रा में कथित रूप से जमा करने और उनकी कालाबाजारी करने के मामले में गिरफ्तार एक शख्स को जमानत देने से अदालत ने इंकार (Refuse Bail) कर दिया और कहा कि इस तरह के कृत्य महामारी के दौरान जनता को व्यापक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने अनिल जैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी जिससे दिल्ली पुलिस ने 500 ऑक्सीजन सिलेंडर कंसंस्ट्रेटर जब्त किये थे।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंस्ट्रेटर जब्त किये गये और आरोपों तथा जांच के मुताबिक अत्यधिक कीमतों पर इन्हें बेचा गया। अदालत ने 17 मई को अपने फैसले में कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को पूरी तरह देखने और अपराधों की गंभीरता के मद्देनजर आरोपी को नियमित जमानत का इस स्तर पर कोई आधार नहीं है।
फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में तीन लोग गिरफ्तार
दिल्ली में एक पैथोलॉजी लैब के तीन कर्मियों को फर्जी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान उत्तम नगर निवासी जीतेंद्र साहू (25) और सन्नी सिंह (29) तथा द्वारका सेक्टर-13 निवासी सुनील कुमार (20) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि ये तीनों पंजाबी बाग की प्रयोगशाला में काम करते हैं। पुलिस के पास इस मामले में पांच मई को शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता उमंग गोगिया ने अपने परिवार की कोविड-19 संबंधी जांच के लिए 21 अप्रैल को नमूने दिए थे। इसके लिए उन्होंने उनके घर नमूने लेने आने वाले व्यक्ति को नौ हजार रुपए दिए थे, लेकिन जब चार दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं मिलीं, तो उन्होंने इस संबंध में व्यक्ति से पूछताछ की।
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