Delhi Crime: त्रिलोकपुरी में दो गुटों में खूनी संघर्ष, एक की मौत, कई घायल

Delhi Crime दिल्ली में मामूली विवाद को लेकर दो गुटों में खूनी संघर्ष की खबर आई है। मामला इतना बढ़ गया कि एक व्यक्ति की मौत हो गई है और कई घायल हो गये। पुलिस ने मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के त्रिलोकपुरी में दो समूहों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि झड़प शनिवार रात करीब दस बजे एक दुकान के कर्मचारी की पिटाई की घटना के बाद शुरू हुई।
उन्होंने कहा कि दुकान के एक कर्मचारी की पिटाई के मुद्दे को लेकर कासिम और शाहिद नामक व्यक्तियों से जुड़े एक समूह की झड़प मन्नान नामक व्यक्ति से जुड़े समूह से हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई और गोली लगने से शाहिद की मौत हो गई तथा कई अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने एक दूसरे मामले बताया कि पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी इलाके में डीडीए की एक इमारत की तीसरी मंजिल से गिरने के बाद शनिवार को 32 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि महिला की पहचान जनकपुरी के वीरेंद्र नगर की रहने वाली स्नेहदीप कौर के रूप में हुई। बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) डिग्री धारक कौर यहां एक निजी स्कूल में पढ़ाती थीं। पुलिस ने कहा कि कौर के शव के पास उसका दो पेज का रिज्यूमे भी मिला, जिससे पता चलता है कि वह नौकरी की तलाश में थी। पुलिस तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। उसके परिजनों ने पुलिस को बताया कि फोटोकॉपी कराने के लिए वह सुबह घर से निकली थी।
अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई
एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को दिल्ली पुलिस को उस समय फटकार लगाई, जब उसे सूचित किया गया कि हत्या के एक आरोपी के साथ तिहाड़ जेल परिसर में कुछ अज्ञात लोगों और पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से मारपीट की और उसके बाद उसे एक कार में जबरन बाहर ले गए थे। आरोपी आत्मसमर्पण करने के लिए वहां गया था। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था।
आरोपी के वकील ने अदालत में इस संबंध में याचिका दायर की है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने कहा कि यह स्पष्ट तौर पर पुलिस द्वारा किया गया 'दुर्व्यवहार' का मामला था और गिरफ्तारी की शक्ति का उपयोग किसी भी सूरत में आरोपी को 'धमकाने' के लिए नहीं किया जा सकता है। साथ ही अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को निर्देश दिया कि वे कानून के अनुसार गिरफ्तारी की प्रक्रिया के बारे में कर्मचारियों को संवेदनशील बनाएं।
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