Delhi Crime: फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट-वीजा हासिल करने वाले गैंग का भंडाफोड़, तीन बांग्लादेशी समेत छह लोग गिरफ्तार

Delhi Crime: फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट-वीजा हासिल करने वाले गैंग का भंडाफोड़, तीन बांग्लादेशी समेत छह लोग गिरफ्तार
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Delhi Crime: इस संबंध में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बांग्लादेश के अख्तौजमां तालुकदार (54), फोजिल रब्बी शिपन (22) रसल (35) के रूप में हुई। वहीं बाकी आरोपियों की पहचान विभोर सैनी (32), सौरभ घोष (36) और फहीम खान (24) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि तालुकदार मुख्य षड्यंत्रकर्ता है।

Delhi Crime दिल्ली में फर्जी दस्तावेजों (Fake Documents) से पासपोर्ट और वीजा (Passport Visa) हासिल कर लोगों को विदेश भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़ (Gang Busted) किया गया है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बांग्लादेश के अख्तौजमां तालुकदार (54), फोजिल रब्बी शिपन (22) रसल (35) के रूप में हुई। वहीं बाकी आरोपियों की पहचान विभोर सैनी (32), सौरभ घोष (36) और फहीम खान (24) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि तालुकदार मुख्य षड्यंत्रकर्ता है।

पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी फर्जी दस्तावेज की व्यवस्था कर फर्जीवाड़ा कर साथियों की मदद से भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लेता था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह मामला 11 सितंबर को प्रकाश में आया जब रसल, शिपन और तालुकदार दोहा जाने के लिए कतर एयरवेज की उड़ान में सवार होने आईजीआई हवाई अड्डा पहुंचे थे। इन सभी के पास फर्जी दस्तावेज थे, जिसके आधार पर सीआईएसएफ कर्मियों ने उन्हें रोक लिया और पूछताछ में रसल और शिपन ने सारे भेद खोल दिए।

पुलिस उपायुक्त (आईजीआई हवाई अड्डा) विक्रम के पोरवल ने बताया कि पूछताछ के दौरान तालुकदार ने अन्य एजेंट के नाम बताए, जो उसकी मदद कर रहे थे। बाद में तीन अन्य एजेंट को गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि विदेश भेजे गए अधिकतर लोग दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से ही गए हैं। एनबीटी पहले भी कई बार एयरपोर्ट से फर्जी दस्तावेजों से विदेश भेजने के मामले में गिरफ्तारी की खबर देता रहा है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह रैकेट बड़ा लग रहा है। इसमें यह लोग बांग्लादेशियों को भारत मेडिकल वीजा पर बुलाते थे। कुछ को अवैध रूप से भी बॉर्डर पार कराने का शक है। फिर इनके यहां फर्जी पहचान पत्र बनवाए जाते थे। जिनके आधार पर असली भारतीय पासपोर्ट हासिल किए जाते थे। कुछ पासपोर्ट नकली भी मिले हैं।

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