IGI एयरपोर्ट पर शिक्षक के बैग में मिलगा कारतूस, कोर्ट ने दिया कमजोर छात्रों को Extra Class देने का निर्देश

IGI एयरपोर्ट पर शिक्षक के बैग में मिलगा कारतूस, कोर्ट ने दिया कमजोर छात्रों को Extra Class देने का निर्देश
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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक सरकारी स्कूल (Government School) के शिक्षक को अपने स्कूल में एक महीने तक कमजोर छात्रों की अतिरिक्त क्लास लेने का निर्देश दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक सरकारी स्कूल (Government School) के शिक्षक के खिलाफ हवाईअड्डे पर कारतूस ले जाने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को सशर्त खारिज कर दिया। कोर्ट ने शिक्षक (Teachers) को अपने स्कूल में एक महीने तक कमजोर छात्रों की अतिरिक्त क्लास लेने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने शिक्षा निदेशालय को प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान करने के लिए कहा और साथ ही संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य से अतिरिक्त कक्षाओं के लिए एक कमरा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो प्रत्येक कार्य दिवस पर दो घंटे के लिए आयोजित किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पुलिस स्टेशन आईजीआई एयरपोर्ट पर आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी रद्द (Registered FIR canceled) की जाती है, बशर्ते कि याचिकाकर्ता स्कूल परिसर में कमजोर छात्रों के लिए महीने के हर कार्य दिवस में दो घंटे अतिरिक्त कक्षाएं ले।

अदालत ने निर्देश दिया कि आदेश की एक प्रति शिक्षा निदेशालय को भेजी जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान की जा सके। स्कूल के प्रधानाध्यापक से यह भी अनुरोध किया गया कि सभी कोविड प्रोटोकॉल और मानदंडों का पालन करते हुए आवश्यक कार्य करने के लिए एक कक्षा उपलब्ध हो। कोर्ट ने कहा कि आईओ और स्कूल के प्रिंसिपल (School Principal) उक्त तथ्य की पुष्टि करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्त कक्षाएं हों।

प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि हवाई अड्डे पर उसके पास से बरामद कारतूस वर्ष 2008-2009 में उत्तराखंड के चमोली के एक स्कूल में पढ़ते समय सड़क पर मिले थे और तब से उसके पास हैं। वह अनजाने में उसे एयरपोर्ट ले गया। अदालत ने माना कि वर्तमान मामला प्राथमिकी को रद्द (Registered FIR canceled) करने के लिए एक उपयुक्त मामला है क्योंकि यह केवल इस अवलोकन के कारण है कि कारतूस उसके बैग में रहा और उसने इसे जानबूझकर नहीं रखा। कोर्ट ने हालांकि कहा कि पुलिस का उपयोगी समय बर्बाद हुआ है। इसलिए याचिकाकर्ता को समाज के लिए कुछ सामाजिक भलाई करनी चाहिए।

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