Delhi Cyber Crime: दिल्ली में पांच लाख से ज्यादा लोगों से ठगी, 150 करोड़ की धोखाधड़ी में 11 आरोपी गिरफ्तार

Delhi Cyber Crime दिल्ली-एनसीआर में साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। इस बीच, दिल्ली पुलिस साइबर (Cyber Cell) सेल ने दो चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत 11 लोगों को कथित तौर पर पांच लाख से ज्यादा लोगों से ठगी में गिरफ्तार (11 Arrested) किया है। आरोपियों ने दो माह के भीतर कथित तौर पर 150 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस (Delhi Police) के अनुसार आरोपी दो मोबाइल ऐप पर धन निवेश पर आकर्षक रिटर्न देने का वादा करने वाले वाले बड़े गिरोह के सदस्य हैं। पुलिस ने बुधवार को बताया कि कुल 11 करोड़ की राशि को तो विभिन्न बैंक खातों और राशि हस्तांतरण करने वाले पेमेंट गेटवे में रोक दी गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर दो मोबाइल ऐप-पॉवर बैंक और ईजेड प्लान के बारे में देश भर में लोग शिकायतें कर रहे थे। ये ऐप धन निवेश पर आकर्षक रिटर्न (अदायगी) का वादा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पॉवर बैंक ऐप खुद को बेंगलुरु का ऐप बता रहा था जबकि इसका सर्वर चीन का पाया गया है। पुलिस ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा लोग अधिक राशि जमा कर सकें इसलिए शुरुआत में इस ऐप ने लोगों से निवेश किए गए धन पर पांच से 10 फीसदी तक का छोटा भुगतान भी किया था।
इसके बाद विश्वास हासिल होने पर लोगों ने ज्यादा से ज्यादा धन निवेश करना शुरू किया और इस ऐप का प्रचार भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में किया। पुलिस उपायुक्त (साइबर प्रकोष्ठ) अन्येष रॉय ने कहा कि पुलिस ने ऐप पर एक राशि निवेश की और इसके बाद इस पूरे तंत्र का पता लगाया गया। ऐसा पाया गया कि आरोपियों ने इस राशि को जगह देने के लिए करीब 25 मुखौटा कंपनियां तैयार की हुई हैं। ये कंपनियां देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं और इस धन को एक खाते से निकालकर दूसरे खाते में डाला जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों का विश्लेषण करने पर पाया कि एक आरोपी शेख़ रोबिन पश्चिम बंगाल के उलूबेरिया में है। दो जून को कई स्थानों पर छापे मारी हुई और रोबिन को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं दो चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत नौ लोगों की गिरफ्तारी दिल्ली-एनसीआर में हुई। इन चार्टर्ड अकाउंटेंट ने 110 मुखौटा कंपनियां तैयार की थी और इनमें से प्रत्येक को चीनी नागरिकों को दो-तीन लाख रुपये में बेच दिया था। पुलिस ने बताया कि इसमें चीन के कई नागरिकों के शामिल होने का पता चला है। उनकी भूमिका, उनके ठिकाने और धोखाधड़ी नेटवर्क की जांच की जा रही है।
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