अब कोयले की कमी से दिल्ली को भी नहीं मिल पा रही पर्याप्त बिजली, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से किया ये अनुरोध

अब कोयले की कमी से दिल्ली को भी नहीं मिल पा रही पर्याप्त बिजली, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से किया ये अनुरोध
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति (Power Supply) करने वाले बिजली संयंत्रों (Power Plants) को पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

उत्तर प्रदेश के बाद अब कोयले की कमी (Lack Of Coal) से दिल्ली में भी बिजली संकट (Delhi Electricity Crisis) का डर पैदा हो गया है। इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति (Power Supply) करने वाले बिजली संयंत्रों (Power Plants) को पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। उधर, दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट में कोयले की बहुत कमी है। दिल्ली को जिन प्लांट से बिजली आती है उनमें 1 दिन का स्टॉक बचा है, कोयला बिल्कुल नहीं है। केंद्र सरकार से अपील है रेलवे वैगन का इस्तेमाल कर कोयला जल्द पहुंचाया जाए।

बता बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट बढ़ने वाला है। राज्य में कोयले की कमी होने की वजह से 8 यूनिट बंद हो गई हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, खुद पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी मान रहे हैं कि 15 अगस्त तक इस तरह की परेशानी रहेगी। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार और कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से आपूर्ति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अन्य स्रोतों से बिजली खरीदी जा रही है।

दिल्ली में बिजली की मांग ने 2021 में तोड़े सारे रिकॉर्ड

लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से हटने और आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू होने के साथ ही दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ रही है और अब यह 2020 से भी अधिक हो गई है। डिस्कॉम के अधिकारियों ने बताया कि 2021 जुलाई और सितंबर के बीच, दिल्ली में बिजली की मांग 2020 के इसी अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक और 2019 की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है। कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण बंद की गई आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया मई के अंत तक दिल्ली में शुरू हुई, जिससे कुछ दिशानिर्देशों के साथ उत्पादन और निर्माण कार्य को अनुमति मिली।

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