Delhi Fire : उपहार सिनेमा अग्निकांड हो या मुंडका फैक्ट्री आग, इन बड़ी घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया था

राष्ट्रीय राजधानी के पश्चिमी हिस्से में मुंडका मेट्रो स्टेशन (Mundka Metro Station) के पास स्थित एक चार मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 27 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। जबकि 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इस तरह की घटना ने एक बार फिर दिल्ली की जनता को उपहार सिनेमा और झांसी रोड पर स्थित अनाज मंडी में लगी आग की घटना को ताजा कर दिया है। इन घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
उपहार सिनेमा (Uphaar Cinema) में 13 जून 1997 को भीषण आग (Massive Fire) लगी थी। उस समय फिल्म 'बॉर्डर' का शो चल रहा था और सिनेमा हॉल खचाखच भरा हुआ था। इस हादसे में 59 लोगों की जान चली गई थी।
इसके बाद से आग की घटनाएं लगातार सामने आती रहती है। आग की घटनाओं में बवाना औद्योगिक क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री, करोल बाग में होटल अर्पित प्लेस (Hotel Arpit Place) और उत्तरी दिल्ली में अनाज मंडी (Anaj Mandi) शामिल हैं। जिसमें कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस वजह से प्रशासन पर सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली में बार-बार अग्निकांड होने की क्या वजह है?
बवाना पटाखा फैक्ट्री हादसा
20 जनवरी 2018 को बवाना में एक पटाखा फैक्ट्री (Bawana Firecracker Factory) में आग लग गई थी। जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने पटाखों के निर्माण में लगे एक कारखाने के मालिक को आग लगने से मारे गए व्यक्तियों के परिवारों को मुआवजे के रूप में अधिकारियों के पास 34 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
अर्पित होटल अग्निकांड
दिल्ली के करोलबाग स्थित होटल अर्पित पैलेस में साल 2019 में भीषण आग लग गई थी। इस घटना में 17 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। ये हादसा उस समय हुआ था जब होटल में लोग सो रहे थे। तब शॉर्ट सर्किट से आग लगी और फैलती चली गई थी।
दिल्ली में अबतक का सबसे बड़ा अग्निकांड
दिल्ली में लगी सबसे बड़ी आग की घटना को आज भी उपहार सिनेमा आग (Uphaar Cinema Fire) के नाम से जानी जाती है। उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को भीषण आग लगी थी। उस समय फिल्म 'बॉर्डर' का शो चल रहा था और सिनेमा हॉल खचाखच भरा हुआ था। इस हादसे में 59 लोगों की जान चली गई थी।
नंदनगरी हादसा
20 नवंबर 2011 को दिल्ली के नंदनगरी (Nandnagri Fire) में एक कार्यक्रम के दौरान आग लग गई थी। इस भीषण आग में 14 लोगों की जान चली गई। यहां करीब 30 लोग झुलसे थे।
इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की कमी
दिल्ली में आग लगने का सबसे बड़ा कारण इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों (Fire Safety Equipments) का ना होना है। यह देखा गया है कि कभी-कभी अग्नि सुरक्षा उपकरण होने के बावजूद, उनका उपयोग कैसे करें, इसकी जानकारी के अभाव में समय पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका। इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति सीधे ऐसी घटनाओं की ओर ले जाती है।
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