दिल्ली वन विभाग का आदेश- NGT के निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें, पेड़ों की देखभाल करने की जरूरत

दिल्ली वन विभाग का आदेश- NGT के निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें, पेड़ों की देखभाल करने की जरूरत
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दिल्ली की भौगोलिक सीमा में काम करने वाली सभी निर्माण एजेंसियों को बताया जाता है कि हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों का ईमानदारी पूर्वक पालन करें। एक पर्यावरण कार्यकर्ता की शिकायत पर वन विभाग ने जांच की और पाया कि मीरा मार्ग पर खुदाई कार्य के दौरान करीब 30 पेड़ों की जड़ें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

दिल्ली में पेड़ों को काटने जैसे गंभीर मुद्दों पर केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) सख्त दिखाई दे रही है। इसी सिलसिले में दिल्ली वन विभाग (Delhi Forest Department) ने महानगर के संबंधित विभागों से कहा है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश का ईमानदारी से पालन करें, जिसमें पेड़ों (Trees) के एक मीटर की परिधि के अंदर निर्माण और मरम्मत कार्य प्रतिबंधित किया गया है और पेड़ों से बोर्ड एवं केबल हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

हाईकोर्ट का आदेश एक याचिका पर आया

दिल्ली हाईकोर्ट ने दस फरवरी को दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि पेड़ों की देखभाल करने की जरूरत से जुड़े विभागों को जागरूक करने के लिए उचित कदम उठाएं। हाईकोर्ट का आदेश एक याचिका पर आया जिसमें दक्षिण दिल्ली के मीरा मार्ग पर लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए खुदाई कार्य के दौरान पेड़ों को हुए नुकसान का जिक्र किया गया है। प्रधान वन संरक्षक निशीथ सक्सेना ने आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि संबंधित विभागों ने अपने अधिकारियों और निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों के संज्ञान में एनजीटी का आदेश नहीं लाया।

एक पर्यावरण कार्यकर्ता की शिकायत पर वन विभाग ने जांच की

आदेश में कहा गया कि कई बार विभागों द्वारा आमंत्रित निविदाओं के नियम एवं शर्तों में एनजीटी के निर्देशों को शामिल नहीं किया जाता है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की भौगोलिक सीमा में काम करने वाली सभी निर्माण एजेंसियों को बताया जाता है कि हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों का ईमानदारी पूर्वक पालन करें। एक पर्यावरण कार्यकर्ता की शिकायत पर वन विभाग ने जांच की और पाया कि मीरा मार्ग पर खुदाई कार्य के दौरान करीब 30 पेड़ों की जड़ें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

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