शाकिर ने समीर बनकर युवती से की दोस्ती, फिर गोली मारकर मौत के घाट उतारा, 10 महीने बाद सुलझी मर्डर मिस्ट्री

शाकिर ने समीर बनकर युवती से की दोस्ती, फिर गोली मारकर मौत के घाट उतारा, 10 महीने बाद सुलझी मर्डर मिस्ट्री
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दिल्ली पुलिस ने दस माह पुराने हत्या मामले का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में हत्या के पीछे चौंकाने वाली वजह सामने आई है। पढ़िये पूरा मामला...

Delhi News: उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस की स्पेशल सेल ने नाम बदलकर महिला से दोस्ती कर हत्या करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों का नाम फैजान और शाकिर बताया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी शाकिर ने सुशीलावती को अपना नाम समीर बताकर पहले उससे दोस्ती की और फिर उससे नजदीकियां बढ़ाकर उसकी प्रॉपर्टी को 25 लाख रुपये में खरीदने की बात डील की, जिसके लिए शुरुआत में आरोपी ने महिला को डेढ़ लाख रुपये भी दिए। जब महिला ने अपने बाकी पैसों की मांग की, तो शाकिर ने महिला की हत्या की साजिश रचने के बारे में सोचा, उसने इस अपराध में अपने दोस्त को भी शामिल कर लिया। इसके बाद दोनों आरोपियों महिला को घुमाने के बहाने बुलंदशहर ले गए और वहां गोली मारकर उसकी हत्या कर शव को दफना दिया। यह वारदात दस महीने पहले हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अब इस पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया है।

चार्ल्स शोभराज की फिल्म देखकर की हत्या

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने चार्ल्स शोभराज की फिल्म देखकर हत्या की साजिश रची। जिस प्रकार से चार्ल्स शोभराज महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था। आरोपी ने अपने फर्जी कागज राजेश नाम से बनवाए और उन कागजों से एक स्कूटी और कार किस्तों पर खरीदी। किस्तों को पूरा न भर पाने की वजह से उसने इन दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। शाकिर ने इन दोनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई, फिर इस कार में वह सुशीलावती को बुलंदशहर ले गया, जहां साथी संग मिलकर उसने महिला की गोली मारकर हत्या कर दी।

10 महीने पहले की गई थी हत्या

10 महीने पहले सुशीलावती की हत्या की गई थी, महिला के भाई ने उत्तर पूर्वी जिले के दयालपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। तभी से पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। महिला का शव बुलंदशहर में मिला था, इसलिए यूपी पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस को आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगालकर आरोपी की पहचान की, फिर उन्हें दबोच लिया।

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