दिल्ली सरकार का ऐलान- छत्रसाल स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए बनेगा पांच मंजिला हॉस्टल, मिलेगी ये आधुनिक सुविधा

दिल्ली समेत देशभर में टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा अच्छे प्रदर्शन करने के बाद राज्य सरकारें अपने खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने के लिए अच्छी व्यवस्था करने पर ध्यान दे रही है। इसी क्रम में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने छत्रसाल स्टेडियम (Chhatrasal Stadium) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए पांच मंजिला अत्याधुनिक हॉस्टल (Residential Hostal) का निर्माण किया जाएगा। जिसमें दो मैट रेसलिंग हाल, एक चिकित्सा कक्ष और एक फिजियोथेरेपी केंद्र होगा। ये 16 महीने बनकर तैयार हो जाएगा।
छत्रसाल स्टेडियम में ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों का अभिनंदन किया। साथ ही, वहां खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल का शिलान्यास भी किया।
— Manish Sisodia (@msisodia) August 27, 2021
केजरीवाल सरकार के नेतृत्व में दिल्ली के खिलाड़ियों को हर तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है। pic.twitter.com/82w9pPlfKe
मनीष सिसोदिया ने किया शिलान्यास
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को यहां छत्रसाल स्टेडियम में एक छात्रावास का शिलान्यास किया। बयान के अनुसार, इससे खेल को प्रोत्साहन मिलेगा और खिलाड़ियों तथा उनके कोच को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। सिसोदिया ने कहा कि छत्रसाल स्टेडियम ने अब तक देश को कुश्ती में पांच ओलंपिक पदक दिलाए हैं। सिसोदिया ने कहा कि मेडल जीत कर लाने वाले खिलाड़ियों को सभी सम्मानित करते हैं, करोड़ों के इनाम देते हैं। लेकिन जब खिलाड़ी मेडल लाने से पहले मैदान में ट्रेनिंग के दौरान पसीना बहाते हैं, स्ट्रगल कर रहे होते हैं, उस दौर में उनकी मदद दिल्ली सरकार करती है।
छत्रसाल स्टेडियम में मिलेगी आधुनिक सुविधा
इन आधुनिक सुविधाओं, छात्रावासों और कोचिंग के साथ स्टेडियम देश के लिए और अधिक विश्व स्तरीय पहलवान तैयार कर सकेगा। शिलान्यास समारोह के दौरान, सिसोदिया ने स्प्रिंटर अमोज जैकब और भारोत्तोलक अनिरुद्ध कुमार समेत कई खिलाड़ियों को सम्मानित किया और कहा कि उनकी सरकार खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है। 'प्ले एंड प्रोग्रेस' कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार जूनियर लेवल पर खिलाड़ियों को 3 लाख रूपये तक की मदद करती है। वहीं 'मिशन एक्सीलेंस' कार्यक्रम के तहत 17 साल से बड़े खिलाड़ियों को उनके प्रशिक्षण के दौरान 16 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाती है।
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