दिल्ली वासियों को राहत : सर्ज प्राइसिंग पर सरकार का फैसला, अब अधिक किराया नहीं ले पाएंगी ऐप बेस्ड टैक्सी

देश की राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार (kejriwal government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। जहां मोबाइल एप आधारित टैक्सी ऑपरेटर कंपनियां (mobile app based taxi operator companies) मांग बढ़ने पर किराया (सर्ज प्राइसिंग) बढ़ा सकेंगी। लेकिन यह सरकार की ओर से तय बेस फेयर के दोगुने से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं दिल्ली सरकार (delhi government) ने सोमवार को एक ऑनलाइन वर्चुअल बैठक (online virtual meeting) के बाद जारी एग्रीगेटर प्रारूप नीति-2021 (aggregator draft policy-2021) में यह प्रावधान किया है।
हालांकि मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी ऑपरेटर कंपनियों को भी अपने वाहनों के बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को शामिल करना होगा। दरअसल, राजधानी दिल्ली में मोबाइल ऐप बेस्ड टैक्सी (app based taxis) कंपनियां अक्सर डिमांड पर अपना किराया बढ़ा देती हैं। हालांकि अभी तक दिल्ली सरकार (delhi government) की ओर से इसे नियंत्रित करने का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन अब दिल्ली सरकार इन एप आधारित टैक्सियों का किराया भी तय करेगी।
उसके आधार पर ही सर्ज प्राइसिंग की जाएगी। मान लीजिए कि मूल किराया 15 रुपये है, तो यह अधिकतम दोगुना यानी 30 रुपये से अधिक नहीं हो सकता है। वहीं एग्रीगेटर योजना के तहत लाइसेंस लेने के लिए कम से कम 50 वाहनों का होना अनिवार्य है। इसमें बस शामिल नहीं है। हालांकि पहले यह संख्या कम से कम 100 वाहनों की थी। लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने 24 घंटे कंट्रोल रूम (control room) बनाना जरूरी कर दिया है।
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