दिल्ली सरकार के शिक्षकों को सता रही इलाज की चिंता

नई दिल्ली। राजकीय विधालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर ने मंगलवार को बताया कि पिछले छः माह से शिक्षा निदेशालय से ज़िलों में मेडिकल बजट आवंटित नहीं हो रहा है जिसके चलते कैंसर, हार्ट व अन्य गम्भीर बीमारियों से पीड़ित अध्यापक पुराने बिलों के भुगतान ना होने से आगे के इलाज कराने में घोर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और चिंतित है।
विभाग के उच्चाधिकारियो के मुताबिक़ वित्त विभाग से बजट आवंटन की दिक्कत आ रही है। अभी कुछ बजट आवंटित हुआ था जिसके अनुसार एक एक करोड़ रुपये प्रति जिला भेज दिया गया है जोकि डिमांड के अनुपात में बहुत की कम यानी ऊँट के मुँह में जीरे के समान है। महासचिव अजय वीर यादव ने बताया कि वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया से हम मांग करते है कि दिल्ली शिक्षा मॉडल की हर जगह चर्चा है इसलिए स्वास्थ्य के साथ प्रतिष्ठा का सवाल भी है ऐसे में बजट की समस्या का अति शीघ्र समाधान निकालना आवश्यक है क्योंकि शिक्षकों का स्वास्थ्य प्रभावित होने से बच सके।
महासचिव यादव ने बताया कि शिक्षकों की बीमारी के उपचार के लिए शिक्षक सरकारी पैनल के अधीन अस्पतालों में अपने पैसे से भुगतान कर अपना इलाज कराते है फिर प्रक्रिया के अनुसार अस्पताल के बिलों को अपने विधालय प्रधानाचार्य को भुगतान हेतु देते हैं। प्रधानाचार्य इन बिलों के भुगतान के लिए ज़िले के एकाउंट ऑफ़िसर से बजट की डिमांड करते है बजट आवंटित होने के बाद बिलों का भुगतान होता है।
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