दिल्ली के 42 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के गरीबों मरीजों का होगा फ्री इलाज, सरकार ने बेड रिजर्व रखने के दिये आदेश

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन से लेकर तमाम गाइडलाइन जारी करने के बावजूद देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। (Corona Warriors) कोरोना वॉरियर्स इसे बचाव के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं मरीजों की संख्या बढ़ते और सरकारी अस्पतालों में कम पडती जगह को देखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बडा कदम उठाया है। (Delhi Government) दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind kejriwal) की सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर कोरोना मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री इलाज (Free Treatment) कराने का फैसला लिया है। सरकार के आदेश पर दिल्ली के 42 प्राइवेट अस्पतालों ने गरीबों का फ्री में इलाज करने पर हामी भर दी है।
दरअसल, देश के अन्य राज्यों के मुकाबले दिल्ली में तमाम इंतजाम के बाद भी (Corona Patient) कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढती जा रही है। कोरोना को लेकर बनाये गये सरकारी अस्पतालों में बेड भर चुके हैं, ऐसे में सरकार ने कोरोना के गरीब मरीजों के इलाज के लिए 42 प्राइवेट अस्पतालों (42 Private Hospital) को आदेश दिये हैं। सरकार ने सिर्फ 3 दिनों के अंदर ही गरीब कोरोना मरीजों के इलाज की तैयारियां करने के लिए कह दिया है। वहीं अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज पर कोई खर्च नहीं लेगी। यानि गरीबों का फ्री इलाज किया जाएगा। सरकार ने कहा कि अगर अस्पताल ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। डीजीएचएस (DGHS) की तरफ से जारी आदेश में दिल्ली के 42 प्राइवेट अस्पतालों की लिस्ट जारी की गई है। इसमें ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत रिजर्व बेड की संख्या भी बताई गई है। साथ ही अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज का एक घंटे के अंदर इलाज शुरू करने के आदेश दिये गये हैं।
बेड या वेंटिलेटर खाली न होने पर मरीजों को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना अस्पताल की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आदेश जारी करते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर मरीज अस्पताल पहुंचता हैं और उक्त अस्पताल में बेड या वेंटिलेटर खाली नहीं है। तो ऐसी स्थिती में कोरोना के मरीज को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी भी उक्त अस्पताल की होगी। इतना ही नहीं अस्पताल को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मरीज को 3 घंटे के अंदर इलाज मिला या नहीं। उसके खाने पीने का भी ध्यान रखना होगा। ऐसा न करने पर अस्पताल के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है।
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