दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की दी इजाजत, डाक्टरों की टीम ने बताई वजह

दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह की गर्भवती महिला को गर्भपात की दी इजाजत, डाक्टरों की टीम ने बताई वजह
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दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती एक महिला को चिकित्सीय गर्भपात की इजाजत दी है, क्योंकि पैदा होने के बाद बच्चे के जीवित रहने की संभावना बेहद कम थी। चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम 1971 के तहत गर्भपात कराने का अनुरोध करने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि शिशु यदि जीवित रह भी गया तो ठीक तरह से जीवन यापन नहीं कर पाएगा।

दिल्ली में एक गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को अपने 24 सप्ताह से अधिक बच्चे का गर्भपात की इजाजत (Allows Abortion) दी गई है। महिला ने इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में अर्जी दी थी। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने डाक्टरों की टीम से इस बारे में संज्ञान लेने के बाद महिला को गर्भपात की मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि बच्चे के जीवित रहने की संभावना बेहद कम थी। इस संबंध में कोर्ट के जज ने कहा कि शिशु यदि जीवित रह भी गया तो ठीक तरह से जीवन यापन नहीं कर पाएगा।

चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम 1971 के तहत दिया फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती एक महिला को चिकित्सीय गर्भपात की इजाजत दी है, क्योंकि पैदा होने के बाद बच्चे के जीवित रहने की संभावना बेहद कम थी। चिकित्सीय गर्भपात अधिनियम 1971 के तहत गर्भपात कराने का अनुरोध करने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि शिशु यदि जीवित रह भी गया तो ठीक तरह से जीवन यापन नहीं कर पाएगा।

महिला को लेडी हार्डिंग अस्पताल में गर्भपात कराने की मंजूरी दी

इसके साथ ही न्यायमूर्ति पल्ली ने छह अक्टूबर को दिए अपने निर्णय में महिला को लेडी हार्डिंग अस्पताल में गर्भपात कराने की मंजूरी दी। इस मामले में अदालत ने चिकित्सीय बोर्ड की एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया जिसके अनुसार, भ्रूण में एक जटिल समस्या थी जिसके कारण बच्चे का जीवित रहना बहुत मुश्किल था।

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